रशिया की सोने की खरीद विक्रमी स्तर पर – विदेशी भंडार और इसमें से सोने की तादाद में बढोतरी

Third World Warमास्को: अमरिका के आर्थिक प्रभुत्व को खुले तौर पर चुनौती देने वाले रशिया ने अधिक आक्रमक रूप से सोना खरीदने की शुरुआत की हैं| मार्च महीने में रशिया की सेंट्रल बैंक ने १८ टन से अधिक सोने की खरीदारी करने का खुलासा हुआ हैं| यह खरीदारी करते हुए ही रशिया ने अपना विदेशी भंडार लगभग ४८७ अरब डॉलर्स तक बढाया है और उसमें सोने का हिस्सा भी १८ प्रतिशत तक पहुंचाकर नया रिकॉर्ड दर्ज किया हैं|

रशिया, सोने, खरीद, विक्रमी, स्तर पर, विदेशी भंडार, तादाद, बढोतरीकुछ महीनों पहले ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने, अमरिकी डॉलर पर विश्वास कम होने का कथन कर ध्यान आकर्षित किया था| यह कथन करते हुए ही रशिया ने सोने की खरीदारी और अमरिकी डॉलर की बिक्री करने का सिलसिला शुरु कर दिया था| पिछले वर्ष में रशिया की सेंट्रल बैंक ने २७४ टन से अधिक सोना खरीदा था| उसी समय अमरिकी डॉलर्स में निवेश १०० अरब डॉलर्स से १० अरबी डॉलर्स के नीचे गिरा हैं|

नए साल में भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के नेतृत्व में यही धारणा कायम रहने का स्पष्ट हुआ हैं| सन २०१९ के पहले तीन महीनों में रशिया ने ५५ टन से अधिक सोना खरीदा हैं| जनवरी महीने में ६ टन और फरवरी महीने में लगभग ३१ दिन से अधिक सोना खरीदने वाले रशिया ने मार्च में १८ टन से अधिक सोने की वृद्धि की हैं| इस खरीदारी के पश्चात रशिया के भंडार में मौजूद सोने की मात्रा लगभग २,१६७ टन पर जा पहुंची हैं|

सोने के भंडार की व्याप्ति बढ़ाते हुए ही रशिया के विदेशी भंडार भी अधिक मजबूत होने का खुलासा हुआ हैं| दो हजार टन से अधिक सोने के मूल्य के साथ संपूर्ण भंडार ४८७ अरब डॉलर्स के ऊपर जाने की जानकारी रशिया की सेंट्रल बैंक ने दी हैं| यह पिछले पांच सालों की सबसे ऊंची संख्या साबित हुई हैं| भंडार में सोने का हिस्सा १८ प्रतिशत पर गया हैं| इस साल के अंत तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार ५०० अरब डॉलर्स के ऊपर ले जाने का उद्देश्य रखा जाने का सूत्रों ने स्पष्ट किया हैं|

वर्ष २०१४ में युक्रैन के क्रीमया प्रांत पर रशिया ने कब्जा करने के बाद अमरिका और यूरोप ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे| इन प्रतिबंधों को उत्तर देने के लिए रशियाने डॉलर्स में निवेश कम करते हुए ही सोने के भंडार बढ़ाने की लंबे समय की धारणा बनाई थीं| केवल पांच वर्षों के दौरान विदेशी भंडार और सोने का प्रमाण रिकॉर्ड स्तर पर जाने से रशिया ने अपनाई यह नीति सफल होती दिखाई दे रही हैं|

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