अमरिका की ‘वॉर्स फॉर डेमॉक्रेसी’ जल्द ही रशिया से टकराएंगे – रशिया के विदेश उपमंत्री का इशारा

मॉस्को : यूगोस्लाविया, इराक, लीबिया, यूक्रेन इन देशों में हुए उथलपुथल के लिए अमरिका की धारणा जिम्मेदार होने का आरोप करके उसपर अमरिका रशिया में भी ऐसे स्वरूप का संघर्ष भड़काएगा ऐसा आरोप रशिया के विदेश उपमंत्री सर्जेई रायब्कोव्ह ने दिया है। उस समय अमरिका रशिया के अंतर्गत प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का दावा भी उन्होंने किया है। पिछले कई महीनों में रशिया में राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाले हैं और रशियन सल्तनत को झटका देने के लिए अमरिका से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसे संकेत रशियन विश्लेषक तथा अधिकारियों ने दिए हैं।

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‘अमरिकी सल्तनत जनतंत्रवादी करने के लिए होनेवाले संघर्ष के नाम पर खुद के राजनीतिक उद्देश्य पूर्ण करने के लिए अनेक देशों में अराजकता की स्थिति निर्माण की है। अमरिका के इस धारणा की वजह से कई देशों में पिछले २० वर्ष युद्ध शुरू होकर’, अनेक देश तबाह हुए हैं। ऐसा आरोप रशिया के विदेश उपमंत्री रायब्कोव्ह ने किया है। ‘युगोस्लाव्हिया का अस्तित्व नहीं रहा, इराक एवं लिबिया में घनघोर संघर्ष शुरू है, यूक्रेन में शुरू हुए घटनाओं की तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है’, ऐसे शब्दों में रशियन उपमंत्री ने अमरिका को लक्ष्य किया है।

अमरिका से खाड़ी देश एवं यूरोप में शुरू होनेवाले हस्तक्षेप की धारणा रशिया में भी कार्यान्वित हो सकती है, ऐसा इशारा रायब्कोव्ह ने दिया है। ‘अमरिका के जागतीक वर्चस्व को रशिया से खतरा है, ऐसा मानने से अन्य देशों में कार्यान्वित धारणा अमरिकी प्रशासन रशिया में भी कार्यान्वित कर सकती है’, ऐसा उपमंत्री रायब्कोव्ह ने कहा है। रशियन संसद की वरिष्ठ सभागृह मे उपमंत्री से यह इशारा देते समय रशियन स्वयंसेवी संस्थाओं ने विदेश से आए हुए सहायता के बारे में एक विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।

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इस रिपोर्ट में विदेश से रशियन गट को किए जानेवाली वित्त सहायता के प्रमाण बढ़ने से एवं उसके लिए अधिक से अधिक छुपे मार्ग का इस्तेमाल होने का इशारा दिया जा रहा है। विदेश से वित्त सहायता के लिए अमरिका की तरफ उंगलियां दिखाई जा रही है और रशियन चुनाव में हस्तक्षेप का प्रयत्न करने के आरोप किया जा रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने रशियामे विदेशी हस्तक्षेप बढ़ने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन लगातार चौथी बार राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव लड़ा रहे हैं और उनका विजय निश्चित माना जा रहा है। रशिया में पुतिन के विरोध में खड़े रहनेवाले कई उम्मीदवार तथागटो को अमरिका तथा यूरोपीय देशों से समर्थन मिलने की बात मानी जा रही है।

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