नाटो का रशिया की सीमा के पास शीतयुद्ध के बाद सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू

ओस्लो: रशिया यूरोपीय देशों को प्रत्युत्तर की धमकियाँ दे रहा है, ऐसे में नाटो ने रशिया की सीमा के पास सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है। ३१ देशों के ५० हजार से अधिक सैनिक, १० हजार लष्करी गाड़ियाँ, ६५ विध्वंसक और २५० लड़ाकू विमानों के समावेश वाला यह अभ्यास यूरोपीय देशों की सुरक्षा की तैयारी है, ऐसा नाटो के प्रमुख ‘जेन्स स्टोलनबर्ग’ ने कहा है। कुछ घंटों पहले ही स्टोलनबर्ग ने ‘आईएनएफ’ से अमरिका ने पीछे हटने का समर्थन किया था।

नाटो, रशिया, सीमा, पास, शीतयुद्ध, बाद, सबसे बड़ा, युद्धाभ्यास, शुरू‘आईएनएफ’ इस ऐतिहासिक अनुबंध की धाराओं का रशिया ने उल्लंघन किया है, ऐसा आरोप स्टोलनबर्ग ने किया है। अमरिका की तरफ से ही आईएनएफ अनुबंध का पालन किया जाता था, लेकिन रशिया ने इस अनुबंध की सीमाओं को कभी भी मान्य नहीं किया है। इस वजह से अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस अनुबंध से पीछे हटने का लिया हुआ निर्णय उचित ही था, ऐसा स्टोलनबर्ग ने कहा था।

उसके बाद अगले कुछ ही घंटों में नोर्वे के सीमा इलाके में नाटो के लष्कर का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू हुआ। शीतयुद्ध के बाद पहली बार रशिया की सीमा के पास इतने बड़े पैमाने पर सेना तैनात करके ‘ट्रायडंट जंकचर २०१८’ युद्धाभ्यास आयोजित किया जा रहा है। ट्रायडंट जंकचर २०१८ युद्धाभ्यास यूरोपीय देशों को आश्वस्त करने वाला और विरोधकों को चेतावनी देने वाला है। नाटो को किसी के साथ भी संघर्ष नहीं करना है। लेकिन अपने सभी सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए नाटो सज्ज है, ऐसा इस युद्धाभ्यास से स्पष्ट होता है’, ऐसा स्टोलनबर्ग ने घोषित किया है।

स्टोलनबर्ग ने कहीं भी रशिया का उल्लेख नहीं किया है, फिर भी यह चेतावनी रशिया के लिए ही थी, ऐसा दावा यूरोप के लष्करी विशेल्षक कर रहे हैं। नोर्वे के रशियन दूतावास ने भी यह युद्धाभ्यास रशिया के खिलाफ होने का आरोप किया है। इस अभ्यास का किसी भी प्रकार से समर्थन नहीं किया जा सकता है, ऐसा कहकर नाटो के इस युद्धाभ्यास को प्रत्युत्तर देने की चेतावनी रशिया के विदेश मंत्रालय ने दी है।

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