तुर्की में निर्वासितों के नये रेले आ धमकने की आशंका

सिरिया में चल रहा तीव्र संघर्ष बन सकता है कारण

नुमन कुर्तुलमुस
नुमन कुर्तुलमुस

सिरिया के अलेप्पो प्रांत में जारी रहनेवाले तीव्र संघर्ष के कारण तुर्की में निर्वासितों के प्रचंड रेले आ धमकने का डर तुर्की के उप-प्रधानमंत्री नुमन कुर्तुलमुस ने व्यक्त किया। सिरियन लष्कर ने रशिया की सहायता से अलेप्पो प्रांत में आक्रामक कारवाई शुरू की है। इस कार्रवाई से कारण अमरीका एवं तुर्की के साथ, मित्रदेश बेचैन हुए होकर, तुर्की के उप-प्रधानमंत्री के द्वारा ज़ाहिर किया गया डर इसी बात को स्पष्ट कर रहा है। तुर्की में फ़िलहाल लक़रीबन २५ लाख से भी अधिक सिरियन नागरिक वास्तव्य कर रहे हैं।

‘सिरिया के अलेप्पो प्रांत में रशिया की सहायता से जारी रहनेवाली कार्रवाई के कारण हज़ारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं। तक़रीबन दो लाख नागरिकों पर देश छोड़ने की नौबत आयी होकर, उनमें से ६५,००० से भी अधिक लोग तुर्की की सीमा के नज़दीक हैं। यदि हालात और बिग़ड़ गयें, तो छः लाख से भी अधिक निर्वासितों का रेला तुर्की पर आ धमक सकता है’ ऐसा डर तुर्की के उप-प्रधानमंत्री नुमन कुर्तुलमुस ने ज़ाहीर किया।

गत कुछ दिनों से, सिरियन लष्कर ने तुर्की सीमा से सटे हुए अलेप्पो प्रांत में ज़ोरदार कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई के लिए रशिया ने सिरीयन लष्कर की सहायता की होकर, रशियन लड़ाक़ू विमानों ने इस प्रान्त में आक्रामक हवाई हमलें किये हैं। रशिया की इस सहायता के कारण सिरियन लष्कर को अच्छी सफलता मिल रही होकर, उस कारण अमरीका, तुर्की, सौदी अरेबिया एवं मित्रदेशों की बेचैनी बढ़ चुकी है। तुर्की के नेताओं द्वारा किये जा रहे वक्तव्य इसी बेचैनी का भाग माने जा रहे हैं।

Migrants

सोमवार को तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लु ने, तुर्की की सीमा पर ३०,००० निर्वासित आ धमके होने की जानकारी देकर, रशिया एवं सिरियन लष्कर की कार्रवाई पर चिंता ज़ाहिर की थी। जर्मनी की चॅन्सेलर अँजेला मर्केल ने, युरोप में आ धमकनेवाले निर्वासितों की समस्या का हल निकालने के लिए तुर्की का दौरा किया था। मर्केल के साथ हुई चर्चा के दौरान तुर्की प्रधानमंत्री ने ऊपरोक्त चिंता ज़ाहिर की थी।

इस मुलाक़ात की पार्श्वभूमि पर, गत साल तुर्की एवं युरोप के बीच हुए समझौते के मुद्दे पर खलबली मचानेवाला दावा सामने आया है। एक ग्रीक वेबसाईट ने दी हुई जानकारी के अनुसार, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने युरोप में निर्वासितों के झुँड़ घुसाने की धमकी दी थी। युरोपीय महासंघ के वरिष्ठ नेता जीन क्लॉड जंकर तथा डोनाल्ड टस्क के साथ हुई चर्चा के दौरान एर्दोगन ने यह धमकी दी होने का दावा इस ग्रीक वेबसाईट ने किया है। चर्चा के दौरान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने पूरे छः अरब युरो की माँग की होने की बात भी इस दावे में की गयी है। तुर्की तथा युरोपीय महासंघ ने इस दावे पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है।

गत वर्ष के नवम्बर महीने में युरोपीय महासंघ ने निर्वासितों के मुद्दे पर तुर्की के साथ महत्त्वपूर्ण समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार, महासंघ तुर्की को तीन अरब युरो की अर्थसहायता की आपूर्ति करनेवाला था। साथ ही, तुर्की को युरोपीय महासंघ की सदस्यता और व्हिसा में से छूट देने के मुद्दों पर भी एकमत हुआ होने की बात बतायी गयी थी। उसके बदले में, तुर्की ने सिरियन निर्वासितों को रोखने की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया था।

इसी दौरान, ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने चेतावनी दी है कि ब्रिटन ने महासंघ से एक्झिट करने का फ़ैसला किया, तो देश में हज़ारों निर्वासित घुस जायेंगे। फ्रान्स के साथ निर्वासितों के मुद्दे पर रहनेवाला समझौता ख़ारिज हो जायेगा और निर्वासितों के झुँड़ देश में आ धमकेंगे, ऐसा डर प्रधानमंत्री कॅमेरॉन के प्रवक्ता ने ज़ाहिर किया। कॅमेरॉन ने एक पत्रकार परिषद के दौरान, महासंघ में रहने का निर्णय सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने का वक्तव्य भी किया है।

युरोप में निर्वासितों की समस्या गंभीर रूप धारण कर रही होते समय, इस समस्या के लिए अमरीका तथा युरोपीय देश ही ज़िम्मेदार होने का आरोप अमरीका के ‘फ्रीडम हाऊस’ इस स्वयंसेवी गुट ने किया है। निर्वासितों की समस्या पाश्चात्य देशों के अपयश के कारण निर्माण हुई होने की आलोचना ‘फ्रीडम हाऊस’ के प्रमुख मार्क लॅगॉन ने की।

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