रशिया-चीन को रोकने के लिए ‘न्यू अमरिकन ग्रैण्ड स्ट्रेटेजी’ – अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की पेशकश

वॉशिंग्टन – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरें ‘रशिया-चीन ऐक्सिस’ के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए अमरीका और सहयोगी देशों ने नई नीति स्वीकारनी होगी, ऐसा प्रस्ताव अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पेश किया है। अमरीका के शीर्ष अखबार के लिए लिखे लेख में बोल्टन ने यह अहसास कराया कि, शीत युद्ध के बाद का एक पर्व खत्म हुआ हैं और नए खतरे सामने खड़े हुए हैं। अपने लेख में पेश किए प्रस्ताव में उन्होंने तीन मुद्दों को रेखांकित किया है और इसमें रक्षा खर्च बढ़ाना, ‘कलेक्टिव डिफेन्स अलायन्स’ का विस्तार एवं ग्लोबल नाटो एवं रशिया-चीन ऐक्सिस तोड़ने का समावेश है।

‘न्यू अमरिकन ग्रैण्ड स्ट्रेटेजी’अमरीका के शीर्ष अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में बोल्टन ने ‘न्यू अमरिकन ग्रैण्ड स्ट्रैटेजी’ नामक लेख लिखा है। इसमें रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की हुई बैठक का ज़िक्र किया है। रशिया-चीन ऐक्सिस और उसे उत्तर कोरिया एवं ईरान जैसे देशों की मिल रही साथ यह नया खतरा होने का ज़िक्र बोल्टन ने किया। इस खतरे का मुकाबला करने के लिए उन्होंने तीन मुद्दे रेखांकित किए।

‘न्यू अमरिकन ग्रैण्ड स्ट्रेटेजी’अमरीका और सहयोगी देशों ने अपने रक्षा खर्च ‘रिगन दौर’ की तरह काफी बढ़ाने की ज़रूरत हैं, ऐसा बोल्टन ने सूचित किया है। यह बढ़ोतरी अस्थायि नहीं बल्कि लंबे समय के लिए होनी चाहिये, ऐसा अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है। अमरीका ने एकत्रित सुरक्षा का उद्देश्य रखकर खड़े किए गठबंधन और गुटों में अधिक सुधार और इनका विस्तार ज़रूरी हैं, ऐसा बोल्टन ने दूसरे विषय में कहा हैं। स्पेन के पूर्व प्रधानमंत्री जोस मारिअ अझ्नार ने पेश किया ‘ग्लोबल नाटो’ का प्रस्ताव आगे बढ़ना होगा, यह भी इसमें कहा गया है। इसमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, इस्रायल जैसे देशों को शामिल करने की सलाह बोल्टन ने दी।

साथ ही अमरीका ने खाड़ी देशों का सहयोग अधिक बढ़ाकर इस क्षेत्र में रशिया और चीन का प्रभाव खत्म करना चाहिये, यह भी उन्होंने कहा है। अपने लेख में बोल्टन ने ‘क्वाड’, ऑकस के साथ ‘एशियन नाटो’ का भी ज़िक्र किया। तीसरा मुद्दे रखते हुए अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह दावा किया है कि, रशिया विरोधी युद्ध यूक्रेन जीतेगा। इसके बाद रशिया और चीन का गठबंधन तोड़ने पर अमरीका अपना ध्यान केंद्रीत करें, यह सुझाव बोल्टन ने दिया है।

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