नेपाल में प्रधानमंत्री ओली की सरकार ख़तरे में

नई दिल्ली/काठमांडू  – नेपाल के चीनपरस्त प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के विरोध में उनकी खुद की पार्टी के सदस्यों ने ही बग़ावत की है। प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफ़े की माँग तीव्र हुई होकर, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के अधिकांश सदस्य ओली के विरोध में चले गए है। भारत उन्हें सत्ता से नीचे खींचने के लिए साज़िश कर रहा है और उसके लिए उनके विरोधक भारतीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, ऐसे आरोप प्रधानमंत्री ओली ने किये थे। ओली के इन दावों को उनकी पार्टी के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों ने चुनौती दी है। आपका इस्तीफ़ा भारत नहीं, बल्कि हम माँग रहे हैं। आरोप साबित कीजिए, अन्यथा इस्तीफ़ा दीजिए, ऐसी चुनौती ही ओली को स्वपक्षीय नेताओं ने दी है। साथ ही, नेपाल सरकार ने ‘सिटिझनशिप क़ानून’ में किये सुधारों के विरोध में विरोधी पार्टियों द्रारा प्रदर्शन किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ओली

भारत का भूभाग अपने नक़्शे में दिखाकर, प्रधानमंत्री के. पी. ओली शर्मा ने भारत के साथ सीमाविवाद शुरू किया था। साथ ही, सीमाक्षेत्र में चौकियों में बढ़ोतरी, हिंदी भाषा पर पाबंदी का प्रस्ताव, भारतीयों के साथ रोटीबेटी के व्यवहार रोकने के लिए ‘सिटिझनशिप क़ानून’ में बदलाव इन जैसे एक के बाद एक भारतविरोधी निर्णय ओली सरकार ने किये थे। लेकिन चीन ने कब्ज़ा किये भूभाग के बारे में ओली ने एक लफ़्ज़ तक नहीं निकाला था। यह ख़बर सामने आने के बाद ओली को स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है। विरोधी पक्ष भी इस मुद्दे पर आक्रमक बना है और चीन से अपना भूभाग वापस ले लें, ऐसी चुनौती विरोधी पार्टियों द्वारा दी गयी है। उसी समय, ओली की ही पार्टी में दरार पड़ी है। ओली के कामकाज़ पर जनता खुश ना होकर, वे इस्तीफ़ा दे दें ऐसी माँग हो रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड ने, सरकार सभी मोरचों पर पूरी तरह नाक़ाम साबित हुई है और ओली द्वारा सत्ता बचाने के लिए भारतविरोधी कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे आरोप किये हैं। उसी प्रकार, ओली अपनी नाक़ामी छिपाने के लिए ध्यान दूसरी ओर मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा आरोप अन्य नेताओं द्वारा किया जा रहा है। साथ ही, साथ ही, प्रधानमंत्री ने भारत जैसे मित्रदेश पर, सरकार गिराने की कोशिशों के ग़ैरज़िम्मेदाराना आरोप किये हैं। उसके बाद उन्हें प्रधानमंत्रीपद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं रहा है, इन शब्दों में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में अन्य नेताओं ने ओली को खरी खरी सुनाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री ओली अकेले पड़ गये होने की ख़बर है।

इसी बीच, प्रधानमंत्री ओली ये सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं; पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांगलादेश के मोड्युल का अवलंब कर सकते हैं, ऐसा आरोप दो ही दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने ओली पर किया था। वहीं, बुधवार को प्रधानमंत्री ओली को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने फोन पर चर्चा करने के लिए संदेश भेजा होने की ख़बरें हैं। इससे पहले चीन के सरकारी मुखपत्र ने, लद्दाख विवाद की पृष्ठभूमि पर, भारत को पाकिस्तान तथा नेपाल की सीमाओं से भी चुनौती मिलेगी, ऐसी धमकी दी थी। नेपाल की सरकार, चीन के बलबूते पर यह भारतविरोध कर रही है, ऐसा भारतीय विश्लेषक पहले से कह रहे हैं।

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