रक्षामंत्री राजनाथ सिंग लद्दाख जाएँगे

नई दिल्ली – रक्षामंत्री राजनाथ सिंग आनेवाले शुक्रवार के दिन लद्दाख पहुँच रहे हैं। गलवान वैली में हुए संघर्ष के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंग पहली ही बार इस सरहदी क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं और इस दौरान सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी उनके साथ रहेंगे। इस दौरान रक्षामंत्री और सेनाप्रमुख भारतीय सैनिकों के साथ संवाद करेंगे और लद्दाख में मौजूद सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा भी लेंगे। रक्षामंत्री का यह दौरा, भारत सरकार सीमा विवाद को लेकर बहुत संवेदनशीलता दिखा रही है, यह संदेशा देनेवाला साबित होता है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग

गलवाल वैली में हुए संघर्ष में भारतीय सैनिकों से पीटने के बाद, चीन ने लद्दाख के अन्य इलाकों में अपने सैनिकों की तैनाती में बढ़ोतरी की है। पिछले ७२ घंटों में चीन ने लद्दाख के सरहदी क्षेत्र में सेना के दो डिव्हिजन यानी बीस हज़ार सैनिक तैनात किये होने की जानकारी सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर, भारतीय सेना की तैयारी का जायज़ा लेने के लिए और लष्करी अधिकारियों से चर्चा करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग शुक्रवार के दिन लद्दाख पहुँचेंगे। इस दौरान, प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना की ‘त्रिशुल’ डिव्हिजन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। लष्करी अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद रक्षामंत्री, गलवान वैली में पराक्रम करनेवाले और लेह के अस्पताल में इलाज़ के लिए दाखिल भारतीय सैनिकों से भी मुलाक़ात करेंगे।

लद्दाख में बना तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों के बीच मंगलवार के दिन हुई तीसरीं बैठक ग्यारह घंटों तक चलने के बाद भी असफल साबित हुई। लद्दाख के सीमा विवाद पर चीन की कोई भी माँग स्वीकार नही करेंगे, यह बात भारतीय लष्करी अधिकारियों ने ड़टकर स्पष्ट की। साथ ही ‘फिंगर 8’ तक के इलाके से चीन पूरी तरह से पीछे हटें, यह माँग भी भारत ने इस दौरान की थी। भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों के बीच हुई यह चर्चा नाकाम होने के बाद, अगले कुछ ही घंटों में रक्षामंत्री के इस लद्दाख दौरे का ऐलान किया गया।

इसी बीच, ‘पैंगॉन्ग त्सो’ के इलाके पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिए चीन की सेना कोशिश कर रही है। लेकिन, इस लेक के क्षेत्र से चीन को पीछे धकेलने के लिए भारतीय नौसेना के स्पीड बोटस्‌ ज़ल्द ही यहाँ पर तैनात की जाएँगी। कुछ हफ़्ते पहले ही भारत के तीनों रक्षाबलों के प्रमुखों की हुई बैठक में यह निर्णय होने की जानकारी प्रदान हो रही है। इससे लद्दाख की सीमा पर, एक ही समय पर देश के तीनों रक्षाबल चीन के सामने खड़े हो रहे हैं।

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