भारत से खतरा होने का कारण दिखाते हुए चीन ने हवाई सुरक्षा बढाई

बीजिंग : भारत से होनेवाले खतरे का सामना करने के लिए चीन ने अपने पश्चिम सीमा भाग में हवाई सुरक्षा बढ़ाई है। ‘जे-१०’ एवं ‘जे-११’ लड़ाकू विमान इस जगह तैनात करने की जानकारी चीन के सरकारी माध्यम से दी जा रही है और इन विमानों की तस्वीरें भी प्रसिद्ध किए हैं। इस निमित्त से चीन के रक्षा तज्ञ द्वारा ‘भारत से होनेवाला खतरे’ स्पष्ट तौर पर उल्लेख करने की बात दिखाई दे रही है। यह खबरे प्रसिद्ध होते समय चीनी नौदल के विनाशिका का पथक हिंद महासागर में दाखिल हुआ है। इसकी वजह से भारत पर दबाव बढ़ाने की तैयारी चीन ने करने की बात दिखाई देने लगी है।

‘जे-१०’ एवं ‘जे-११’ यह चीन की वायुसेना के बेड़े में बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है। अपने पश्चिमी भाग में भारत की सीमा से जुड़े जगह पर यह लड़ाकू विमान तैनात होने की याद चीन अधिकृत स्तर पर दिलाई है। चीनी नववर्ष की पृष्ठभूमि पर यह जानकारी उजागर करके अपने नए वर्ष की धारणा क्या होगी, ऐसा चीन ने दिखाया है। भारत से होने वाले खतरे का विचार करके इनकी रक्षा दल ने यह निर्णय लेने का दावा रक्षा तज्ञ साँग झाँगपिंग ने किया है। तथा इन विमानों की तस्वीरें चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) ने अपनी संकेत स्थल पर प्रसिद्ध किये है।

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‘डोकलाम’ में चीनी सैनिकों का निर्माण रोकनेवाले भारत को सबक सिखाने की योजना चीन ने बनाने के संकेत इस देश के माध्यमों से दिए जा रहे है। डोकलाम में भारत ने ही वापसी करने के दावे चीन के सरकारी माध्यमों ने किये थे। पर वास्तव में इस स्तर पर भारत ने स्वीकारी हुई ठोस भूमिका और धारणाओं से चीन को झटका लगा था। इसकी वजह से अस्वस्थ हुए चीन ने भारत को युद्ध की धमकीयाँ दी थी। इसका भारत पर परिणाम नहीं हुआ था और इसकी वजह से चीन की अवस्था में बढ़त हुई थी। डोकलाम के समस्या पर चीन ने अपनी मानहानि करी थी, ऐसा दावा पाश्चात्य किया था। पर अब चीन उसे उत्तर देने की तैयारी में होने की बात दिखाई दे रही है।

‘पीएलए’ केवेस्टर्न थिएटर कमांड में ‘जे-१०’ एवं ‘जे-११’ लड़ाकू विमान होने की बात घोषित करके, चीन ने भारत पर दबाव बनाया है। पर चीन के इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत ने प्रत्युत्तर देने की तैयारी की है। चीन के सीमा से जुड़े हुए भारत के उत्तराखंड राज्य मे देहरादून के हवाई अड्डे पर वायुसेना के ‘सुखोई-३०’ विमानों उड़ान की थी। आवश्यकता के अनुसार यह प्रवासी विमानों के रनवे का लड़ाकू विमानों के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसका परीक्षण इस निमित्त से किया गया है। इसकी वजह से भारतीय वायुसेना की चीन से जुड़े सीमा पर सज्जता बढनेवाली है।

दौरान चीन अपनी हवाई सुरक्षा सक्षम करते हुए, हिंद महासागर क्षेत्र में अपने विनाशीका दाखिल करने का वृत्त है। मालदीव में राजनीतिक संकट में फिलहाल राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल्ला इनके पक्ष में उजागर रूप से भूमिका लेने वाले चीन ने हिंद महासागर में अपनी विनाशीका पथक भेजा है। भारत मालदीव में लष्करी हस्तक्षेप करें, ऐसी मांग मालदीव की जनता एवं नेता कर रहे हैं। पर भारत हस्तक्षेप ना करें ऐसा चीन ने सूचित किया था। इस पृष्ठभूमि पर हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुए चीन के विनाशिका पथक भारत को चीन से दिए जाने वाले एक और इशारा माना जा रहा है।

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