भारत ने आर्थिक स्तर पर दिया हुआ प्रत्युत्तर चीन के लिए महँगा साबित होगा

अमरिकी लेखक गॉर्डन चँग

वॉशिंग्टन – ‘कोरोना वायरस की वज़ह से चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को विश्‍वभर से जोरदार झटके लग रहे हैं। इससे चीन की अर्थव्यवस्था को ख़तरा बना है और राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को सत्ता गँवाने का ड़र सताने लगा है और इसी ड़र के कारण उन्होंने भारत, अमरीका, साउथ चायना सी, कज़ाकिस्तान, पूर्वीय युरोप ऐसें कई मोरचों पर एक साथ संघर्ष शुरू किया है। लद्दाख के हमले के बाद भारत ने चीन को दिया हुआ लष्करी प्रत्युत्तर बिल्कुल सही है। लेकिन साथ ही भारत ने चीन को आर्थिक स्तर पर भी झटका देना होगा। क्योंकि भारत का यह आर्थिक प्रत्युत्तर चीन पर बड़ा प्रहार करेगा। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की लष्करी और आर्थिक मोरचे पर हुई हार, पूरे विश्‍व के लिए लाभदायी साबित होगी’, यह दावा अमरिकी लेखक गॉर्डन चँग ने किया है।Gordon Chang On India-China Economy

जिनपिंग के हाथ में चीन की पूरी हुकूमत है। इसी कारण वे चीन की नाकामी के लिए अन्य किसी को भी दोष नहीं दे सकते। इसी वजह से, विश्‍वभर में शुरू किए हुए अलग अलग मोरचों में से किसी एक मोरचे पर जीत हासिल करना उनके लिए अनिवार्य बन चुका है। लद्दाख पर कब्ज़ा करके, यह भारत पर अपनी जीत होने का ऐलान करने की जिनपिंग की योजना थी। भारत ने काबिज़ किया हुआ अपना क्षेत्र चीन ने दोबारा प्राप्त किया, यह चित्र चिनी जनता के सामने खड़ा करने की पूरी तैयारी सरकारी मुखपत्रों ने की थी। लेकिन भारतीय सेना के प्रतिहमले ने जिनपिंग की सभी योजनाओं को तहस नहस किया है’, ऐसा चँग ने कहा है। भारत और चीन के बीच जारी संघर्ष को लेकर ऐसी अलग बात रखकर गॉर्डन चँग ने सनसनी मचाई हुई दिखाई दे रही है।

‘इसके आगे भारत चीन की सीमा पर अपनी तैनाती में बढ़ोतरी करें और साथ ही, चीन की अर्थव्यवस्था को झटके देनेवाले निर्णय करें। क्योंकि अर्थव्यवस्था पर हुए हमलें चीन को जोरदार झटके देनेवाले साबित होंगे। इसके लिए भारत चीन की कंपनियों के साथ किए समझौते रद करें, हुवेई कंपनी को भारत में प्रवेश ना दें, चिनी सामान का बहिष्कार करें। भारत की भूमिका में यह आक्रामक बदलाव दिखेगा, तभी चीन भारत का सम्मान करना शुरू करेगा। नहीं तो चीन भारत की ज़मीन हड़पने का काम जारी रखेगा’, ऐसा दावा गॉर्डन चँग ने स्पष्ट शब्दों में किया है। चीन के साथ सीमा विवाद शुरू होने के बाद कुछ भारतीयों ने पहल करके चिनी सामान का बहिष्कार करने के लिए मुहिम शुरू की थी। ऐसें में चँग ने किया हुआ बयान, भारतीय नागरिकों ने चीन के विरोध में शुरू की हुई मुहिम सभी मायनों में उचित होने की बात दिखा रहा है।

लद्दाख की गलवान वैली में चिनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर किया हुआ कायराना हमला यानी चीन की पूर्वनियोजित साज़िश थी और चीन के वरिष्ठ नेतृत्व ने इस हमले के लिए ‘ग्रीन सिग्नल’ दिया था, ऐसी जानकारी माध्यमों में जारी हुई थी। लेकिन गॉर्डन चँग ने चीन के इस हमले के पीछे, चीन की अंतर्गत राजनीति का संदर्भ होने का हवाला दिया है। भारत के प्रत्युत्तर के बारे में गलत अनुमान लगानेवाले चीन के लष्करी एवं सियासी नेतृत्व को इसके सबसे अधिक गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, यह बात अब स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है।

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