म्यांमार की सेना ने ११ को ज़िंदा जलाया – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा गया असर

myanmar-police-burn-citizens-1बैंकॉक – म्यांमार की सेना ने ड़ोन ताऊ गांव में ११ लोगों को घरों से बाहर खींचकर ज़िंदा जलाने की दहलानेवाली घटना सामने आयी है| सोशल मीडिया में इस घटना के वीडियो और फोटो जारी होने के बाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार की जुंटा हुकूमत के लिए गुस्सा उमड़ रहा है| ऐसी यह पहली घटना नही है, म्यांमार के अलग अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएँ आम तौर पर होती हैं, यह दावा मानव अधिकार संगठन ने किया है| इसी बीच अमरीका ने, मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहें म्यांमार एवं चीन पर प्रतिबंधों का ऐलान किया है|

म्यांमार के सागाईंग प्रांत में स्थित ड़ोन ताऊ गांव में हुई आगजनी का वीडियो और फोटो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं| इस घटना का शिकार हुए ११ लोगों में बच्चों का भी समावेश होने की बात स्पष्ट हुई थी| हमारे खिलाफ जारी प्रदर्शनों की आवाज़ दबाने के लिए, जुंटा हुकूमत इतने घटिया स्तर पर जा पहुँची होने की आलोचना हो रही है| अमरीका तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने म्यांमार की जुंटा हुकूमत की आलोचना की है|

myanmar-police-burn-citizens-2फ़रवरी महीने में, म्यांमार के लोगों ने चुनी सरकार का तख्तापलट करके सत्ता हथियानेवाली जुंटा हुकूमत द्वारा मानव अधिकारों का उल्लंघन करने की मात्रा खतरनाक स्तर पर बढ़ रही है| यह काफी खतरे की सूचना होने का बयान संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संगठन ने किया है| ड़ोन ताऊ गांव की यह घटना यानी जुंटा हुकूमत की क्रूरता का और एक भयंकर नमूना है और इसके विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाने की उम्मीद है, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संगठन ने कहा है|

लेकिन, सोशल मीडिया के माध्यम से विश्‍व के सामने आयी म्यांमार की यह घटना एकमात्र ना होने की बात, अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन की स्थानीय प्रवक्ता मैनी माऊंग ने साझा की| जुंटा हुकूमत ने म्यांमार पर कब्ज़ा करने के बाद ऐसी घटनाएँ आम तौर पर हो रही हैं| लेकिन इसके फोटो या वीडियो कभी सामने नही आए थे| जनता को धौस मे लाने के लिए म्यांमार की सेना ऐसी घृणास्पद हरकतें कर रही हैं, यह आलोचना मैनी माऊंग ने की|

myanmar-police-burn-citizens-3म्यांमार की जुंटा हुकूमत इन आरोपों से इन्कार कर रही है| लेकिन, पिछले आठ महीनों से म्यांमार की सेना देश के अलग अलग हिस्सों में मानव अधिकार पैरों के नीचे कुचल रही हैं, यह दर्शानेवाली कई घटनाएँ सामने आयी थीं| बीते महीने में ही वायव्य ओर के एक गांव की बस्ती को सेना ने आग के हवाले कर दिया था| उससे पहले, जुंटा हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों को आश्रय दे रहें गांवों पर हवाई हमलें करना या उन घरों के युवा-युवतियों को उठाकर ले जाना, ऐसीं घटनाएँ भी सामने आयीं थीं|

फ़रवरी महीने से ही जुंटा हुकूमत ने अपने विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए कार्रवाई करने के कारण, १,३०० से भी अधिक मौतें हुई हैं| इसके अलावा दस हज़ार से भी अधिक की गिरफ्तारी हुई है| देश में जुंटा हुकूमत की ऐसीं हरकतों का निषेध करने के लिए, म्यांमार में शुक्रवार को मूक हड़ताल का ऐलान हुआ था| इसे म्यांमार की जनता का बड़ा समर्थन प्राप्त हुआ|

इसी बीच जनतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर म्यांमार पर कब्ज़ा करनेवाली एवं मानव अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन कर रही जुंटा हुकूमत का व्यापारी बहिष्कार किया जा रहा है| आग्नेय एशियाई देशों ने भी जुंटा हुकूमत के विरोध में भूमिका अपनाई है| लेकिन, चीन ने म्यांमार के साथ जारी व्यापारी सहयोग बरकरार रखे हैं और रेअर अर्थ यानी दुर्मिल खनिजों की खरीद जारी रखी है|

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