जुंटा हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से म्यांमार में जारी हिंसा बंद नहीं होगी – संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषदूत का इशारा

un-myanmar-junta-1न्यूयॉर्क/ब्रुनेई – लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता हथियानेवाली जुंटा हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से म्यांमार में हिंसा बंद नहीं होगी, यह इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषदूत ने दिया है। बल्कि, ऐसा कदम उठाने से देश अधिक अस्थिर होगा और असफल होने का ड़र है, यह इशारा भी विशेषदूत क्रिस्टीन बर्जेनर ने दिया। इसी बीच आग्नेय एशियाई देशों की ‘आसियान’ संगठन ने मंगलवार के दिन शुरू हो रही बैठक में जुंटा हुकूमत के प्रमुख जनरल मिन आँग हलेंग को प्रवेश देने से इन्कार करने की बात सामने आयी है।

फ़रवरी में म्यांमार की सेना ने बगावत करके सत्ता हथियाई थी। सेना के इस निर्णय का विरोध करने के लिए म्यांमार की जनता ने सड़कों पर उतरकर लोकतांत्रिक प्रदर्शन शुरू किए थे। सेना की क्रूर कार्रवाई और भीषण अत्याचारों के बावजूद म्यांमार की जनता पीछे नहीं हटी है। आठ महीने बाद भी यह प्रदर्शन खत्म नहीं हुए हैं और इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

un-myanmar-junta-3म्यांमार की लोकतांत्रिक हुकूमत से जुड़े नेता एवं वांशिक एवं विद्रोही गुटों ने एकजुट करके ‘नैशनल युनिटी गवर्मेंट’ का गठन किया है। ‘नैशनल युनिटी गवर्मेंट’ ने आवाहन करने के बाद म्यांमार की जुंटा  हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर रहे कई गुट साथ मिले हैं और ‘पीपल्स डिफेन्स फोर्स’ के रूप में सशस्त्र संघर्ष शुरू हुआ है। बीते कुछ महीनों में म्यांमार के अलग अलग प्रांतों में ‘पीपल्स डिफेन्स फोर्स’ और लष्करी दलों की लगातार मुठभेड़ होने की जानकारी सामने आ रही है।

un-myanmar-junta-2इस पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषदूत बर्जेनर का इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘म्यांमार की समस्या पर अंतरराष्ट्रीय समूदाय पीछे नहीं हटेगा, यह उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार की जनता का साथ देने की आवश्‍यकता है। म्यांमार की जुंटा हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से इस देश में हिंसा बंद नहीं होगी। म्यांमार के करीबी क्षेत्र का कोई भी देश इस हुकूमत को स्वीकृति देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसा करने पर म्यांमार एक असफल देश साबित होगा और इस क्षेत्र में अस्थिरता भी बढ़ेगी’, यह इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषदूत ने दिया।

इसी बीच, आग्नेय एशियाई देशों के ‘आसियान’ संगठन ने म्यांमार की जुंटा हुकूमत के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाने के संकेत दिए हैं। मंगलवार से ‘आसियान’ की बैठक शुरू हुई। इस बैठक में जुंटा हुकूमत के प्रमुख जनरल मिन आँग हलेंग को प्रवेश देने से इन्कार किया गया। आसियान ने इससे पहले म्यांमार में हस्तक्षेप करने में देरी की थी। इस पृष्ठभूमि पर जनरल हलेंग की मौजूदगी से इन्कार करना ध्यान आकर्षित करता है।

अंतरराष्ट्रीय समूदाय और ‘आसियान’ के बढ़ते दबाव की पृष्ठभूमि पर जुंटा हुकूमत द्वारा बीते हफ्ते सैंकड़ों राजनीतिक बंदियों को रिहा किए जाने की बात सामने आयी है। लेकिन, इस रिहाई के बाद उनमें से १०० से अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं की फिर से गिरफ्तारी होने की बात भी स्पष्ट हुई है। इसलिए पहले रिहाई का किया गया निर्णय आँखों में धूँल झोंकने की कोशिश होने का दावा राजनीतिक गुट एवं विश्‍लेषकों ने किया है।

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