ब्रिटेन की कार्रवाई के बाद ५० से अधिक चीनी छात्र भाग गए – गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई ५’ के प्रमुख का दावा

लंदन – ब्रिटीश सरकार ने कानून में सख्त बदलाव करके शुरू की हुई कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन से ५० से अधिक छात्रों के ब्रिटेन से भाग जाने की जानकारी गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई ५’ के प्रमुख ने साझा की। दो दिन पहले ‘एमआई ५’ और अमरीका की जाँच एजेन्सी ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (एफबीआई) ने संयुक्त वार्तापरिषद में चीन के बढ़ते खतरे पर ध्यान आकर्षित किया था। इसमें चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत की पूरे विश्व में खुफिया हरकतों का अहसास कराया गया था।

कुछ दशक पहले चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘थाऊजंड टैलेन्टस्‌‍ प्लैन’ नामक योजना बनायी थी। चीनी छात्र विभिन्न देशों में जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करें, इसके लिए प्रोत्साहित करनेवाली योजना इसका आम स्वरूप था। लेकिन, वास्तव में यह योजना शिक्षा, अनुसंधान और कुशलता के नाम से जासूसों की भरती होने की बात बाद में सामने आयी। अमरीका के साथ यूरोप में ऐसे कई मामलों में सामने आए है और कुछ मामले अदालत तक भी पहुँचे हैं।

चीनी छात्र शिक्षा पाने के साथ-साथ रक्षा, दूरसंचार, ऊर्जा, रोबोटिक्स, विज्ञान जैसे क्षेत्रों की प्रगत प्रौद्योगिकी और संवेदनशील जानकारी की चोरी करने में जुटने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके विरोध में अमरीका एवं कई देशों ने आक्रामक प्रावधान बनाना शुरू किया है और इसमें वीजा से लेकर छात्रों की पूरी पृष्ठभूमि और चीन के सरकारी विभागों से जारी संबंध सार्वजनिक करने जैसे मुद्दों का प्रावधान है। ब्रिटेन ने ‘एकेडमिक टेक्नॉलॉजी अप्रुवल स्कीम’ जैसे विदेशी छात्रों की योजना में सख्त प्रावधानों का समावेश किया था। ब्रिटेन की युनिवर्सिटियों पर विदेशी संस्था या लोगों से स्वीकारे जा रहे  दान की जानकारी सार्वजनिक करने की शर्त रखी गयी है।

इसी बीच, ब्रिटीश गुप्तचर एवं सुरक्षा यंत्रणाओं ने भी संदिग्ध चीनी जासूसों के विरोध में कार्रवाई का दायरा अधिक बढ़ाया है। ऐसी पृष्ठभूमि पर जासूसी कर रहे ब्रिटेन स्थित चीनी छात्रों ने भागकर चीन जाना शुरू किया है। अब तक ५० से अधिक चीनी छात्र इस तरह देश छोड़कर भाग गए हैं, ऐसा ‘एमआई ५’ के संचालक केन मैक्कलम ने कहा। इन छात्रों के चीन की ‘लिबरेशन आर्मी’ के साथ ताल्लुकात थे, ऐसी आशंका ब्रिटीश यंत्रणाओं को है, यह भी मैक्कलम ने कहा है।

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