इटली के जहाज़ हादसे में 40 से अधिक शरणार्थियों की मौत

रोम – इटली के दक्षिणी ओर स्थित कैलाब्रिया प्रांत में हुई जहाज़ दुर्घटना में 40 से अधिक शरणार्थियों की मौत हुई है। खराब मौसम के कारण वर्णित जहाज़ समुद्र में स्थित पत्थर से टकराकर टूट गया, ऐसी जानकारी इस हादसे में बचे शरणार्थियों ने साझा की। हादसे के समय जहाज़ पर तकरीबन 120 से 150 शरणार्थी थे, यह कहा जा रहा है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस हादसे पर तीव्र शोक जताया है और मानवीय तस्करी कर रहे गिरोह इस तरह की शोकांत घटना के लिए ज़िम्मेदार होने का बयान किया है। इटली सरकार शरर्णाथियों की अवैध घूसपैठ पर नकेल कसकर ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश करेगी, ऐसी गवाही भी प्रधानमंत्री मेलोनी ने किया।

पिछले हफ्ते तुर्की के इज़मिर से शरणार्थियों का बड़ा गुट इटली की ओर निकल पड़ा था, ऐसी जानकारी प्राथमिक जांच से सामने आ रही है। इन शरणार्थियों में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान और सोमालिया के नागरिकों का समावेश होने की बात कही जा रही है। दक्षिण इटली के कैलाब्रिया प्रांत के करीबी हिस्से में इस जहाज ने खराब मौसम का सामना किया। जहाज़ पर क्षमता से अधिक यात्री होने के कारण इस बिगड़े हुए मौसम का मुकाबला करने में जहाज़ असफल हुआ। स्टेकटो दि कत्रो गांव के करीबी पत्थर से टकराने के बाद यह जहाज़ टूट गया, ऐसी जानकारी स्थानीय यंत्रणाओं ने साझा की।

इस हादसे की जानकारी प्राप्त होते ही इटली के तटरक्षक बल के जहाज़ एवं अन्य यंत्रणाओं के दल दुर्घटना स्थान पर पहुंचे। इसके बाद शुरू किए गए सर्च और राहत अभियान में 40 से अधिक लोगों के शव बरामद हुए हैं और 58 शरणार्थियों को बचाने में यह दल सफल हुए। इनमें से 22 शरणार्थियों को अस्पताल में भरती कराया गया है। मृतकों में महिलाओं एवं छोटे बच्चों का समावेश है। जहाज पर कितने शरणार्थी थे, इसकी पुख्ता जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हुई है और मृतकों की संख्या बढ़ने का ड़र जताया जा रहा है। पिछले वर्ष भूमध्य समुद्री क्षेत्र में सफर कर रहा तकरीबन डेढ़ हज़ार शरणार्थियों का जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त होने से डूब गया।

इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी और सरकार ने अवैध घूसपैठ कर रहे शरणार्थियों के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई है। मेलोनी की सरकार ने नया कानून पारित करके शरणार्थियों को इटली पहुंचाने वाले गूटों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसी बीच निर्वासित जिन देशों से आते हैं उन देशों से बातचीत करके उन्हें वापस भेजने की गतिविधियां भी जारी हैं। इस पृष्ठभूमि पर कैलाब्रिया में हुई यह जहाज़ दुर्घटना ध्यान आकर्षित करती है।

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