दक्षिण अफ्रीका की बाढ़ में ४०० की मौत

दरबान – दक्षिण अफ्रीका के क्वाझुलू-नाताल प्रांत में हुई भारी बारिश के बाद निर्माण हुई बाढ़ की स्थिति में ४०० लोगों की मौत हुए हैं| यह बाढ़ दक्षिण अफ्रीका के इतिहास की सबसे बड़ी और ड़रावनी नैसर्गिक आपत्ति होने की जानकारी स्थानिय लोगों ने प्रदान की| ४० हज़ार से भी अधिक लोगों को इस बाढ़ ने नुकसान पहुँचाया हैं और सैकड़ो घर इस बाढ़ की पानी मे ढ़ह गए हैं| दक्षिण अफ्रीका ने इतने बड़े संकट का सामना करने की यह पिछले कई दशकों में पहला अवसर हैं, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष सिरिल रामाफोसा ने किया|

सोमवार को ११ अप्रैल को क्वाझुलू-नाताल प्रांत में २४ घंटों में कुल ३०० मिलीमीटर बारिश हुई| प्रांत के सबसे बड़े दरबान शहर एवं करीबी इलाकों को इससे काफी बड़ा नुकसान पहुँचा| एक दिन में इतनी बड़ी मात्रा में बारिश होने की पिछले छह दशकों का यह पहला अवसर होने की जानकारी स्थानिय यंत्रणाओं ने साझा की| इस भारी बारिश में सैकड़ों घर ढ़ह गए हैं और राजमार्ग एवं पूल पानी में डुबे हैं| कई छोटे टिले और पहाड़ नष्ट हुए हैं|

प्रांत के ४० हज़ार से भी अधिक लोगों को इस बाढ़ ने नुकसान पहुँचाया हैं और इससे ४०० लोगों की मौत हुई हैं| ५५ लोग अभी भी लापता हैं और राहतकार्य खत्म होने के बाद जानमाल के हुए नुकसान का पुख्ता आँकड़ा सामने आएगा, यह जानकारी अफसरों ने प्रदान की| क्वाझुलू-नाताल प्रांत में ‘स्टेट ऑफ डिझास्टर’ का ऐलान किया गया हैं और चार हज़ार सनिक और स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं| ‘यह हमारे प्रांत पर टुटू सबसे बड़ी आपत्ति हैं| प्रांत में हुआ जान का और बुनियादी सुविधाओं के साथ अन्य सेवाओं का हुआ विनाश अभूतपूर्व हैं’, यह प्रतिक्रिया प्रांत के प्रमुख सिह्ले झिकालाला ने बयान की|

दक्षिण अफ्रीका के तीसरे स्थान के शहर दरबान को इस बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा हैं| भारी बारिश और तूफानी हवा की वजह से बंदरगाह के क्षेत्र से कई व्यापारी कंटेनर बह गए हैं और शहर के अन्य इलाकों में फैलने की बात सामने आयी हैं| दरबान, अफ्रीका का सबसे ज्यादा व्यस्त बंदरगाह के तौर पर पहचाना जाता हैं| इससे दक्षिण अफ्रीका के साथ अफ्रीका के अन्य देशों की सप्लाई चेन को बड़ा नुकसान पहुँचने के संकेत दिए गए हैं| अगले कुछ दिनों में प्रांत में फिर से जोरदार बारिश होने का अनुमान हैं और अतिदक्षता का भी इशारा दिया गया है|

कोरोना की महामारी और पिछले साल दो प्रांतों में हुए दंगों की वजह से दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था को पहले ही बड़ा नुकसान पहुँचा हैं| ऐसें में उभरी अभूतपूर्व नैसर्गिक आपत्ति की वजह से जनजीवन और अर्थव्यवस्था फिर से बाधित हुई हैं और दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था पर मंदी का संकट टूट सकता हैं, यह ड़र आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्‍लेषकों ने जताया हैं|

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