पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की स्थिति गंभीर – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष

वॉशिंटन/इस्लामाबाद – पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी गंभीर स्थिति में है और पाकिस्तान सरकार को कडी चुनौतियों का सामना करना होगा, ऐसे तिखें शब्दों में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है| पाकिस्तान के आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार लगभग सीर्फ आठ अरब डॉलर्स शेष बचे है और इसपर यह देश एक महीने से अधिक समय तक खडा नही रह सकता, ऐसा कहा जा रहा है| ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ने मुद्राकोष से छह अरब डॉलर्स की अर्थसहायता प्राप्त करके आज की मौत कुछ समय के लिए दूर कर दी है, यह बातचीत पाकिस्तान के ही वित्तीय विशेषज्ञ कर रहे है|

‘सत्तापर आने के बाद हम अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के सामने भीख पाने के लिए कटोरा लेकर नही जाएंगे| इसके बजाय मौत का स्वीकार करेंगे’, ऐसा इम्रान खान ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान कहा?था| साथ ही ‘मुद्राकोष का कर्ज लेकर कोई भी देश प्रगति नही करता, उलटा अपनी सार्वभूमता खो बैठता है’, ऐसी तिखी आलोचना भी इम्रान खान ने उस दौरान की थी| लेकिन, प्रधानमंत्री बनते ही केवल कुछ ही हफ्तों में इम्रान खान अपने शब्द पीछे लेने पर मजबूर हुए है| उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से दिए जा रहा कम ब्याज का ऋण पाने की कोशिश कर रही है, यह बात उजागर होने से इम्रान खान मुश्किलों से घिर चुके है|

मुद्राकोष ने पाकिस्तान को करीबन छह अरब डॉलर्स का कर्ज मंजूर किया है| लेकिन, इस कर्ज के बदले में पाकिस्तान को आर्थिक अनुशासन का पालन करना होगा, यह शर्त मुद्राकोष ने रखी है| इस शर्त का पालन करने पर पाकिस्तान के रुपये का अवमुल्यन होगा| फिलहाल पाकिस्तान के रुपये की किमत प्रति डॉलर १५७ तक गीर चुकी है| अगले दौर में मुद्राकोष की शर्त का पालन किया तो यह किमत १८० तक गिरेगी और संभव है की एक डॉलर के लिए पाकिस्तान को २०० रुपये खर्च करने की नौबत का भी सामना करना हो सकता है, ऐसी आशंका भी पाकिस्तान के वित्तीय विशेषज्ञों ने व्यक्त की है|

ऐसी स्थिति में मुद्राकोष ने पाकिस्तान को कडी चेतावनी दी है| पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अनिश्‍चितता की समस्या सता रही है| साथ ही बेताल आर्थिक नीति की वजह से पाकिस्तान अर्थव्यवस्था टुटने की स्थिति के काफी निकट पहुंची है| इससे पाकिस्तान का अंतर्गत एवं अन्य देश और वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त किए कर्ज का भार बढ रहा है| यह संकट और भी गंभीर हो रहा है और ऐसे में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है| ऐसे में पाकिस्तान के सामने काफी गंभीर संकट बना है, यह चेतावनी मुद्राकोष ने दी है|

इस संकट से निकलना है तो पाकिस्तान को साहसी निर्णय करने होंगे और सुधार करना होगा, इन शब्दों के साथ मुद्राकोष ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है|

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