अफ़्रीका में प्रभाव बढ़ाने की कोशिशें करनेवाले तुर्की को ईजिप्ट द्वारा चुनौती

कैरो/अंकारा – तुर्की जनता को इतिहास बन चुके ऑटोमन साम्राज्य के भव्य सपनें दिखानेवाले राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने की ज़ोरदार कोशिशें जारी हैं। पिछले कुछ वर्षों में तुर्की ने अफ़्रीकी देशों में अर्थसहायता, वैद्यकीय सहायता, लष्करी एवं तंत्रज्ञानविषयक सहयोग, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण और ‘सॉफ्ट पॉवर’ इनके बलबूते पर पाँव जमाने की शुरुआत की है। तुर्की के इस बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ईजिप्ट ने गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। आर्थिक एवं लष्करी सहयोग के साथ ही इस्रायल, युएई जैसे देशों के साथ मोरचा बनाने के लिए पहल करके ईजिप्ट ने तुर्की को चुनौती दी दिखायी दे रही है।

africa-turkey-egyptकुछ दिन पहले ईजिप्ट ने अफ़्रीका के ‘साहेल’ प्रांत में सक्रिय होनेवाले ‘जी५ साहेल’ इस लष्करी मोरचे को प्रशिक्षण देने के लिए सहायता की थी। उसके तुरन्त बाद माली में कार्यरत होनेवाली शांतिसेना की भी सहायता की जा रही है। इस महीने की शुरुआत में ईजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अब्देल फताह अल-सिसी ने पश्‍चिमी अफ़्रीका का प्रमुख देश होनेवाले घाना के विशेष दूत से मुलाक़ात की होकर, व्यापारी सहयोग बढ़ाने के लिए दीर्घ चर्चा की। ईजिप्ट की संसद ने हाल ही में सेनेगल इस अफ़्रीकी देश में प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी घोषणा की है।

बताया जाता है कि तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इस्लामी जगत का नेतृत्व करने की सुप्त महत्त्वाकांक्षा रखते हैं। उसके लिए उन्होंने पिछले दशक से एशिया और अफ़्रीका महाद्वीपों के इस्लामी देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए अनुरोधपूर्वक कोशिशें शुरू कीं हैं। उसमें अर्थसहायता, लष्करी एवं तंत्रज्ञानविषयक सहयोग, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, तुर्की सभ्यता का प्रभाव अंकित करने की दृष्टि से गतिविधियाँ, इन जैसीं बातों का समावेश है। कुछ महीने पहले तुर्की राष्ट्राध्यक्ष ने, आनेवाले कुछ सालों में अफ़्रीका महाद्वीप के साथ का व्यापार ५० अरब डॉलर्स तक ले जाने के ईरादें व्यक्त किये थे। फिलहाल यह व्यापार २० अरब डॉलर्स के आसपास है। तुर्की ने अफ़्रीका में स्थित अपने दूतावासों की संख्या भी १२ से ठेंठ थेट ४२ तक बढ़ायी है।

तुर्की का यह बढ़ता प्रभाव अफ़्रीका समेत अरब जगत गा शीर्ष देश होनेवाले ईजिप्ट को बहुत ही बेवैन कर रहा है। इस कारण तुर्की की हरक़तों को रोकने के लिए ईजिप्ट ने तुर्की चे प्रतिस्पर्धी होनेवाले देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की शुरुआत की है। उनमें इस्रायल, युएई, ग्रीस इन जैसे देशों का समावेश है। पिछले साल ईजिप्ट के वरिष्ठ अधिकारियों ने ये संकेत दिये थे कि तुर्की की सोमालिया में चल रहीं हरक़तों को मात देने के लिए इस्रायल और सुदान के साथ मोरचा बनाने की तैयारी शुरू की है। सेनेगल, लिबिया जैसे देशों में तुर्की के ईरादें ध्वस्त करने के लिए ईजिप्ट ने फ्रान्स, युएई तथा रशिया से सहायता भी लेने की बात सामने आयी है।

पिछले कुछ महीनों में ईजिप्ट और ग्रीस के बीच भी सहयोग बढ़ रहा दिखायी दे रहा है। तुर्की ने भूमध्य सागरी क्षेत्र में ग्रीस की सीमा में आक्रामक गतिविधियाँ शुरू कीं होकर, उसे प्रत्युत्तर देने के लिए ग्रीस ने ईजिप्ट के साथ समझौता भी किया है। पिछले कुछ सालों से ईजिप्ट और ग्रीस में संयुक्त लष्करी सराव का आयोजन किया जा रहा है। ग्रीस के रक्षाबलप्रमुख जनरल कॉन्स्टॅटायनोस फ्लोरोस ने हाल ही में ईजिप्ट का दौरा किया था। इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने तुर्की को सख़्त चेतावनी भी दी थी।

इसी बीच, पिछले हफ़्ते ईजिप्ट की यंत्रणाओं ने राजधानी कैरो में मुस्लिम ब्रदरहूड का नेटवर्क ध्वस्त किया जाने की जानकारी दी है और इस मामले में हेल्मी मोआमेन मुस्तफा बिल्जी इस तुर्की नागरिक के साथ चार लोगों को गिरफ़्तार किया है। तुर्की हुक़ूमत के निर्देशों पर ईजिप्टविरोधी नकारात्मक रिपोर्ट तैयार करने के कारनामें बिल्जी और गुट कर रहे थे, ऐसा आरोप इजिप्शियन यंत्रणाओं ने किया है।

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