चीन आशिया-पॅसिफ़िक और हिन्द महासागर में ‘मिसाइलभेदी यंत्रणा’ तैनात करेगा

बीजिंग: ‘साउथ चाइना सी’ के विवादास्पद क्षेत्र में कृत्रिम द्वीप और लष्करी तलों के बलबूते पर हक़ जताने की कोशिश करने वाले चीन ने, अब ‘आशिया-पॅसिफ़िक’ और ‘हिन्द महासागर’ इलाके पर भी वर्चस्व के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। वैश्विक समुद्री क्षेत्र पर नियंत्रण रखने के लिए ‘ब्ल्यू वॉटर नेव्ही’ विकसित करने वाले चीन ने समुद्र में कार्यरत रहने वाली प्रगत मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात करने के संकेत दिए हैं। चीन के भूतपूर्व लष्करी अधिकारी और विशेषज्ञों ने इस बारे में जानकारी खोल दी है।

'मिसाइलभेदी यंत्रणा'

मकाव के लष्करी विशेषज्ञ ‘एंथनी वॉंग डोंग’ ने चीन ने नई मिसाइल भेदी यंत्रणा विकसित करने की जानकारी दी है। “सी बेस्ड एचक्यू-२६” यह इस यंत्रणा का नाम है। इसमें लगभग ३ हजार ५०० किलोमीटर्स की दूरी वाले ‘क्रुझ मिसाइल्स’ का समावेश है। यह यंत्रणा चीन की सबसे प्रगत और बड़ी विनाशिका ‘टाइप ०५५’ पर तैनात की जाने वाली है”, ऐसा वॉंग डोंग ने स्पष्ट किया है। चीनी लष्कर के भूतपूर्व अधिकारी सॉंग झोंगपिंग ने भी इसकी पुष्टि की है।

‘चीन ने समंदर में तैनात की जाने वाली मिसाइल भेदी यंत्रणा विकसित की है और उसका इस्तेमाल चीन की भूमि और विदेश में हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा। जहाँ जंगी जहाज पहुँच सकते हैं ऐसे किसी भी इलाके में यह समुद्री मिसाइल भेदी यंत्रणा तैनात की जा सकती है। आशिया पॅसिफ़िक इलाके में तैनाती को प्राधान्य दिया जाएगा और उसके तुरंत बाद हिंदी महासागर में विदेशी हितसंबंधों की सुरक्षा करने के लिए सदर यंत्रणा तैनात की जाएगी’, इन शब्दों में झोंगपिंग ने मिसाइल भेदी यंत्रणा की तैनाती की जानकारी दी है।

चीन के नौसेना विशेषज्ञ लि जी ने चीन ने विकसित की हुई ‘इंटरसेप्टर’ प्रकार की मिसाइलें आसमान में ही दुश्मनों के मिसाइलों को भेदने के लिए सक्षम हैं, ऐसा दावा किया है। कुछ दिनों पहले ही चीन ने जमीन पर तैनात की जा सकती हैं, इस तरह की ‘मिड कोर्स मिसाइल डिफेन्स सिस्टम’ का परिक्षण करने की घोषणा की थी। इस पृष्ठभूमि पर समुद्र में तैनात की जाने वाली यंत्रणा के बारे में किए गए वक्तव्य ध्यान आकर्षित करने वाले हैं।

चीन के लष्करी विश्लेषक झोऊ चेनमिंग ने जमीन पर तैनात की जाने वाली मिसाइल भेदी यंत्रणा उत्तर कोरिया अथवा भारत के मिसाइलों को रोकने के लिए सक्षम होने का दावा किया है। लेकिन लगभग ७००० परमाणु पालने वाले अमरिका का मुकाबला करने के लिए चीन को प्रगत मिसाइलभेदी यंत्रणा की आवश्यकता है, इन शब्दों में चेनमिंग ने ‘सी बेस्ड’ मिसाइल भेदी यंत्रणा का समर्थन किया है।‘

कुछ दिनों पहले ही भारत ने ‘अग्नी ५’ इस परमाणु वाहक अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परिक्षण किया था। इस मिसाइल की दूरी ५००० किलोमीटर्स है, ऐसा माना जाता है।

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