अमरिका की ‘चेनिअर एनर्जी’ का चीन के साथ दीर्घकालीन इंधन अनुबंध; सन २०४३ तक ‘एलएनजी’ की आपूर्ति करेगा

वॉशिंग्टन: अमरिका की प्राकृतिक इंधन गैस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ‘चेनिअर एनर्जी’ ने चीन के साथ दीर्घकालीन इंधन अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अनुबंध के अनुसार चीन की ‘सीएनपीसी’ यह कंपनी हर साल १२ लाख टन ‘एलएनजी’ आयात करने वाली है। सन २०१७ में चीन ने करीब तीन करोड़ टन ‘एलएनजी’ आयत किया था। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ लिए फैसलों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव निर्माण हुआ था। ऐसे में यह इंधन विषयक अनुबंध ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘प्राकृतिक इंधन गैस क्षेत्र के बाजार में प्रमुख कंपनी के तौर पर पहचाने जाने वाली चीन की सीएनपीसी के साथ हुआ यह अनुबंध गर्व की बात है’, इन शब्दों में ‘चेनिअर एनर्जी’ के प्रमुख जैक फुस्को ने चीन के साथ के अनुबंध की घोषणा की है। चीन दुनिया के सबसे बड़े ‘एलएनजी’ आयातकर्ताओं में से एक है और इसमें अब तक ऑस्ट्रेलिया और कतार यह चीन के प्रमुख निर्यातकर्ता देश थे। सन २०१६ के आंकड़ों के अनुसार चीन में आयात होने वाले ‘एलएनजी’ में से ५० प्रतिशत इंधन ऑस्ट्रेलिया और २० प्रतिशत इंधन कतार की तरफ से आयात किया जाता था। इसके अलावा रशिया भी चीन के निर्यातकर्ता में से एक प्रमुख देश के तौर पर पहचाना जाता है।

अमरिका ने पीछे कुछ वर्षों में इंधन निर्यात पर अधिकाधिक जोर देना शुरू किया है और यूरोप साथ ही एशियाई बाजार पर ध्यान केन्द्रित किया है। अमरिकी कंपनियों ने यूरोप के लगभग ५ से अधिक देशों के साथ इस सन्दर्भ अनुबंध किए हैं और भारत में भी जल्द ही ‘एलएनजी’ की निर्यात शुरू होने के संकेत दिए गए हैं।

रशिया, ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी देशों के बाजार को झटका देकर अमरिका ने इंधन निर्यात को शुरुआत की है और उसके तीव्र परिणाम इंधन बाजार पर दिखाई दे रहे हैं। अमरिका के प्रवेश की वजह से अन्य देशों को अपने इंधन के दरों को कम करना पड़ रहा है। रशिया के इंधन के बाजार को अमरिका ने बड़ा झटका दिया है। उसे विकल्प ढूँढने के लिए रशिया ने जापान और दक्षिण पूर्व एशियाई बाजर पर ध्यान केन्द्रित किया है।

चीन के साथ अमरिकी कंपनी का अनुबंध दीर्घकालीन होने की वजह से उसे विशेष महत्व प्राप्त हुआ है। इस अनुबंध के अनुसार ‘चेनिअर एनर्जी’ चीन को सन २०४३ तक ‘एलएनजी’ की आपूर्ति करने वाली है।

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