‘साउथ चाइना सी’ में चीन की दादागिरी को फ़्रांस की चुनौती

पॅरिस/बीजिंग: पिछले महीने की आखिर में फ़्रांस के दो युद्धपोतों ने ‘साउथ चाइना सी’ के विवादास्पद ‘स्पार्टले द्वीपों’ के इलाके से सफ़र करने की बात सामने आई है। इन युद्धपोतों को चीनी युद्धपोतों ने धमकाने के बावजूद, हम अंतर्राष्ट्रीय सीमा में हैं, ऐसा निश्चित रूपसे कहकर इन युद्धपोतों ने अपनी मुहीम जारी रखी थी। मई महीने के शुरुआत में ही फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे में, ‘इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र में किसी भी दिशा में वर्चस्व प्रस्थापित करने की कोशिश न करे, इन शब्दों में चीन को डांटा था। मैक्रॉन का यह वक्तव्य और उसके बाद फ्रेंच युद्धपोतों ने चीनी धमकियों को नजरअंदाज करके किया हुआ सफर इस वजह से ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की दादागिरी को फ़्रान्स खुली चुनौती दे रहा है, यह दिखाई दे रहा है।

फ़्रांस का युद्धपोत ‘डिक्सम्यू’ और एक विध्वंसक ने मई महीने के आखिर में ‘साउथ चाइना सी’ से सफर किया था। फ्रेंच नौसेना की यह मुहीम ‘फ्रीडम ऑफ़ नेविगेशन’ का हिस्सा थी, ऐसा दावा फ्रेंच नौसेना के अधिकारियों ने किया है। ‘डिक्सम्यू’ के कमांडर ने दिया हुआ साक्षात्कार और विश्लेषकों ने दी जानकारी से फ्रेंच नौसेना की इस मुहीम को चीन ने रोकने की कोशिश की थी। ‘हडसन इंस्टिट्यूट’ इस अभ्यास समूह के एक विश्लेषक ने अमरिका के दैनिक में दिए एक लेख में इस बारे में जानकारी सामने आई है।

साउथ चाइना सी, दादागिरी, स्पार्टले द्वीपों, फ़्रांस, चुनौती, चीन, इंडो-पसिफ़िक‘मई महीने के आखिर में फ्रेंच युद्धपोत साउथ चाइना सी के स्पार्टले द्वीपसमूहों के इलाके से सफ़र कर रहे थे। उस समय चीन के कुछ विध्वंसकों ने फ्रेंच युद्धपोतों को धमकाते हुए यह क्षेत्र हमारे सार्वभौमत्व का हिस्सा है, ऐसा कहकर बाहर निकलने की चेतावनी दी थी। फ्रेंच युद्धपोतों ने कठोर शब्दों में प्रत्युत्तर देकर, हम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा में हैं, ऐसा कहा था और युद्धपोतों ने अपना सफ़र आगे जारी रखा। इस समय फ्रेंच युद्धपोत पर ब्रिटन और यूरोपीय महासंघ के हेलिकॉप्टर्स थे। चीन के युद्धपोतों ने कुछ समय तक फ्रेंच युद्धपोतों का पीछा किया’, ऐसी जानकारी ‘जोनास पैरेलो-प्लेसनर’ इस विश्लेषक ने दी है।

इस पृष्ठभूमि पर ‘डिक्सम्यू’ का कमांडर जीन पोर्चर ने दिए साक्षात्कार में, साउथ चाइना सी कि मुहीम का उल्लेख किया है। उसमें ‘डिक्सम्यू’ ने ‘स्पार्टले द्वीपों’ के इलाके से सफ़र करते समय ‘सेन्सर्स’ की सहायता से आवश्यक जानकारी इकठ्ठा करने का और निगरानी रखने का दावा किया है। इस दौरान चीनी नौसेना के साथ रेडियो पर संपर्क बनाए रखा था, ऐसा भी पोर्चर ने आगे कहा। फ्रेंच युद्धपोतों ने चीनी धमकियों को नजरअंदाज करते हुए किया यह सफ़र ध्यान आकर्षित करने वाला साबित हुआ है।

मई महीने की शुरुआत में, फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने, इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र में चीन को हराने के लिए ‘फ़्रांस-भारत-ऑस्ट्रेलिया’ का नया मोर्चा बनाने का संकेत दिया था। पसिफ़िक और हिन्द महासागर में स्थित उपनिवेशों का उल्लेख करके मैक्रॉन ने नए इंडो-पसिफ़िक मोर्चे के लिए पहल करने की इच्छा जताई थी। वैश्विक स्थिरता के लिए इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र मध्यवर्ती साबित होगा, ऐसा कहकर उसके आर्थिक और सुरक्षा विषयक हितसंबंध सुरक्षित रखना यह इंडो-पसिफ़िक मोर्चे की जिम्मेदारी रहेगी, ऐसा भी मैक्रॉन ने कहा था।

इस आक्रामक वक्तव्य के बाद फ्रेंच युद्धपोतों ने साउथ चाइना सी से किया हुआ सफ़र मैक्रॉन इस इलाके के चीन के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए आक्रामक कदम उठा सकते हैं, ऐसा संकेत देने वाला साबित होता है।

दौरान, ऑस्ट्रेलिया की इस आक्रामक भूमिका की पृष्ठभूमि पर चीन ने साउथ चाइना सी में स्थित कृत्रिम द्वीपों पर फिरसे प्रगत मिसाइल यंत्रणा तैनात करने की बात सामने आई है।

 

चीनी नौका की तरफ से ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत पर निगरानी

केनबेरा: कुछ हफ़्तों पहले साउथ चाइना सी में ऑस्ट्रेलिया और चीनी युद्धपोतों का आमना सामना होने की घटना ताजा है, ऐसे में चीनी नौका ने ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत पर निगरानी करने का सनसनीखेज दावा किया गया है। ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा युद्धपोत ‘एचएमएस एडिलेड’ फिजी के भेंट पर गया था, तब चीन की एक निगरानी नौका ‘युआनवांग-७’ उसी दौरान फिजी के पास दाखिल हुई थी, यह बात सामने आई है। ९ जून को यह घटना घटी है, ऐसा कहा जा रहा है।

ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने इस मुद्दे पर जोर दिया है और इस वजह से चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव अधिक बढ़ने संभावना है। फिजी में स्थित चीनी राजदूत ने इस बारे में सभी आरोपों को ख़ारिज किया है।

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