चीन में शुरू हो रही ‘बेल्ट ऍण्ड रोड’ परिषद की पृष्ठभूमि पर जापान के प्रधानमंत्री एबे यूरोप और अमरिका की यात्रा पर

Third World Warटोकिओ: ‘जापान और चीन में संबंध सामान्य हो गए हैं’ पिछले सप्ताह में चीन की राजधानी में जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने यह कथन कर दो कट्टर प्रतियोगी देश पास आने के संकेत दिए थे| कोनो के कथन को उत्तर देते हुए चीन ने भी अपने राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग जापान में होने वाले ‘जी-२०’ बैठक के लिए उपस्थित रहने की घोषणा की थीं| परंतु दोनों देशों में व्यापारी स्पर्धा बिल्कुल सौम्य नहीं होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं|

चीन के साथ संबंध पहले जैसे करने की गतिविधियां शुरू होते हुए भी जापान के प्रधानमंत्री शिंझो एबे की अमरिका-यूरोप यात्रा ध्यान आकर्षित करने वाली साबित होती हैं| चीन के साथ संबंध सामान्य करने वाले जापान के सामने चुनौती भी चीन की ही है और उसका मुकाबला करने के लिए अमरिका और यूरोप के पारंपारिक तथा पुराने मित्र देशों का साथ हमेशा आवश्यक रहेगा, इसकी अनुभूति जापान के नेतृत्व को हैं|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरू किए व्यापार युद्ध का आघात चीन जैसे प्रतियोगी देशों के साथ ही जापान जैसे मित्र देश को भी कुछ मात्रा में हुआ हैं| इस कारण होने वाला नुकसान कम करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ वार्तालाप करके व्यापारी समझौता करना जापान के लिए महत्वपूर्ण हैं| अमरिका में दाखिल हुए एबे का पूरा जोर इस पर होगा, ऐसे संकेत जापानी विशेषज्ञ और सूत्रों से दिए गए हैं| व्यापार अतिरिक्त उत्तर कोरिया और चीन का मुद्दा अमरिका के साथ की चर्चा में केंद्र स्थल में रहेगा, ऐसा बताया जाता हैं|

चीन, शुरू, बेल्ट ऍण्ड रोड, परिषद, पृष्ठभूमि पर, जापान, प्रधानमंत्री, एबे, यूरोप, अमरिका, यात्रा परजापान के प्रधानमंत्री ने अमरिका की यात्रा शुरू करने से पहले जापान के वाणिज्य मंत्री तथा सुरक्षा मंत्री ने पिछले सप्ताह में अमरिका को भेंट दी थीं| इस ‘टू प्लस टू’ भेंट में व्यापारी सहयोग पुख्ता करने के मुद्दे पर तथा उत्तर कोरिया और द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों पर प्राथमिक चर्चा हुई हैं| अमरिका और जापान ने सुरक्षा समझौते में आगे से ‘सायबर क्षेत्र’ का भी समावेश करने का निर्णय किया हैं| इस कारण आगे जापान पर होने वाले सायबर हमलों को आक्रमण का ही हिस्सा माना जाएगा और उसे उत्तर देने के लिए अमरिका हस्तक्षेप कर सकती हैं, एसा अमरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया हैं|

जापानी प्रधानमंत्री की अमरिका यात्रा के पश्चात अगले महीने में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प जापान की यात्रा पर आने वाले हैं| एक के पीछे एक होने वाली यह यात्राएं अमरिका और जापान के सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने वाली साबित होगी, ऐसा दावा विशेषज्ञों से किया जाता हैं|

अमरिका में पैर रखने से पहले जापान के प्रधानमंत्री की इस विदेश यात्रा की शुरुआत यूरोप से होने वाली हैं| फ्रान्स, इटली, स्लोवाकिया, बेल्जियम इन चारों देशों को प्रधानमंत्री एबे भेंट देंगे| मंगलवार की सुबह एबे फ्रान्स की राजधानी पैरिस में दाखिल भी हो गए हैं| यूरोप में इन चारों देशों का चुनाव चीन को मध्य नजर रखते हुए करने का दिखाई देता हैं|

पिछले ही महीने में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने यूरोप की यात्रा की थीं| इस यात्रा में उन्होंने फ्रान्स और इटली को भी भेंट दी थीं| फ्रान्स के साथ अरबों डॉलर्स का प्रस्ताव और इटली के ‘बेल्ट ऍण्ड रोड’ इस महत्त्वकांक्षी परियोजना में समावेश ये जिनपिंग की यात्रा की खास बातें साबित हुई थीं| चीन ने यूरोप को अपने पास खींचने का प्रयत्न करना यह जापान के लिए खतरे की घंटी हैं| इस कारण यूरोपीय देशों के साथ होने वाला सहयोग अधिक दृढ़ करना यह एबे का प्रमुख उद्देश्य रहने वाला हैं|

जापान तथा यूरोपीय महासंघ में हुआ व्यापारी समझौता यह जापान की दृष्टि से महत्वपूर्ण बात होते हुए चीन को रोकने के लिए एबे का उपयोग किया जा सकता है| उसी के साथ जून महीने में जापान में होने वाले ‘जी-२०’ बैठक के लिए यूरोपीय देशों का सहयोग आवश्यक साबित होते हुए उसके लिए भी जापान के प्रधानमंत्री अपना पक्ष दृढ़ता से पेश करेंगे, ऐसा बताया जाता हैं| चीन आर्थिक शक्ति के जोर पर पूर्वी यूरोप में पैर जमाने का प्रयत्न करते हुए इस विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाली स्लोवाकिया की भेंट महत्वपूर्ण साबित होती हैं| एबे यह स्लोवाकिया को भेंट देने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री साबित होने वाले हैं|

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