रशिया के साथ हुए ‘आईएनएफ’ समझौते से अमरिका की वापसी

Third World Warवॉशिंगटन/मॉस्को: अमरिका और रशिया के बीच परमाणु हथियारों से जुडे ‘इंटरमिजिएट रेंज न्यूक्लीअर फोर्सेस’ (आईएनएफ) समझौते को लेकर हुई चर्चा नाकाम साबित हुई है| इस समझौते के अहम मुद्दोंपर बने मतभेद कायम रहने से इस समझौते से वापसी करने का ऐलान अमरिका ने किया है| जल्द ही व्हाईट हाऊस से इस समझौते से वापसी के संबंधी अधिकारिक घोषणा होंगी|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने पिछले वर्ष रशिया के साथ हुए ‘आईएनएफ’ समझौते से वापसी करने का ऐलान किया था| परमाणु हथियारों की निर्मिती के संबंधी इस समझौते का रशिया पालन नही हो रहा है, यह आरोप अमरिका ने किया था| साथ ही इस समझौते पर रशिया दुबारा से विचार करे और अपनी मांगे मंजूर करे, इसके लिए अमरिका ने रशिया को दो महीने का अवसर प्रदान किया था| दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में दी हुई इस अवसर का कालावधी २ फरवरी के दिन समाप्त हो रहा है|

रशिया, साथ, हुए, आईएनएफ, समझौते, अमरिका, वापसीइस पृष्ठभूमि पर, चीन की राजधानी बीजिंग में अमरिका और रशिया के वरिष्ठ नेताओं की हाल ही में एक बैठक हुई| रशिया के उपविदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव्ह और अमरिका के ‘आर्म्स कंट्रोल ऍण्ड इंटरनैशनल सिक्युरिटी’ विभाग की उपमंत्री ‘अँड्रिया थॉमसन’ इनमें हुई इस चर्चा में इस समझौते के संबंधी तय मांगों पर सहमती हो नही सकी थी| परमाणु हथियारों का निर्माण सीमित रखने के लिए अमरिका ने रखी मांगे रशिया को मंजूर नही है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है|

रशिया के ‘नोवॅटोर ९एम७२९’ मिसाईल का निर्माण ‘आईएनएफ’ समझौते का उल्लंघन होने का आरोप अमरिका कर रहा है| अमरिका इस समझौते में शामिल रहे, यह होना हो तो रशिया ‘नोवॅटोर’ मिसाइल नष्ट करे, यह मांग अमरिका ने रखी थी, ऐसा कहा जा रहा है| लेकिन, ‘आईएनएफ’ के दायरे में नोवॅटोर का निर्माण होने का दावा करके रशिया ने अमरिका की मांग ठुकराई थी|

शीत युद्ध के दौरान अमरिका और रशिया में हुए ‘आईएनएफ’ समझौते के नुसार पांच सौ से पांच हजार किलोमीटर दूरी तक हमला करने में सक्षम मिसाइल का निर्माण करने पर प्रतिबंध है| वही, नोवॅटोर की मारक क्षमता इससे अधिक है| इस वजह से इस मिसाईल का निर्माण समझौते का उल्लंघन हो रहा है, यह आरोप अमरिका ने किया है|

यह चर्चा विफल होने का ऐलान रशिया ने किया है और व्हाईट हाऊस अगले कुछ घंटों में इस संबंधी विस्तार से घोषणा करेगा| ‘आईएनएफ’ से अमरिका ने वापसी करने पर विश्‍व भर से चिंता जताई जा रही है| ‘आईएनएफ’ समझौते से अमरिका ने की वापसी से युरोप में हथियारों की स्पर्धा शुरू होगी, यह दावा युरोप के विश्‍लेषक कर रहे है| वही, चीन की शस्त्रनिर्मिती को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका रशिया के साथ किए ‘आईएनएफ’ समझौते से वापसी कर रही है, यह दावा कुछ नेता और अभ्यासक कर रहे है|

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने लगभग एक हजार मध्यम एवं छोटी दूरी की मिसाइल ‘साऊथ और ईस्ट चाइना सी’ की दिशा में तैनात की है| इस समुद्री क्षेत्र में मौजूद अमरिकी युद्धपोतों को प्रत्युत्तर देने के लिए चीन ने यह मिसाइल तैनात किए है, यह दावा रशिया के सिक्युरिटी कौन्सिल के पूर्व अधिकारी ‘अँड्रे कोकोशिल’ इन्होंने किया| इस वजह से चीन की इस मिसाइल तैनाती को प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया के साथ हुए ‘आईएनएफ’ समझौते से अमरिका वापसी कर रही है, ऐसा कोकोशिन इनका कहना है|

दो दिन पहले अमरिका ने चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘आईएनएफ’ से वापसी करके परमाणु हथियारों का निर्माण शुरू किया है, यह दावा एक नामांकित अभ्यास गुट की विश्‍लेषिका ‘राजेश्‍वरी पिल्लई’ इन्होंने किया था|

 

रशिया पर युद्ध का संकट – रशियन जनता की चिंता

रशिया, साथ, हुए, आईएनएफ, समझौते, अमरिका, वापसीमॉस्को: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ रहे तनाव की पृष्ठभुमि पर रशिया पर युद्ध का संकट मंडरा रहा है| आनेवाले समय में रशिया किसी भी देश के साथ युद्ध शुरू कर सकता है, यह चिंता रशिया की आधे से भी अधिक जनता ने व्यक्त की है| रशिया के ‘लेवादा सेंटर’ इस संस्था ने किए सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आयी है|

इस सर्वेक्षण में रशिया की लगभग ५५ प्रतिशत जनता ने अपने देश पर युद्ध का संकट बना होने की बात कही है| इसमें से १५ प्रतिशत नागरिकों ने युद्ध अनिवार्य होने का दावा किया है| वही, इस युद्ध में रशियन लष्कर को सफलता प्राप्त होगी, यह विश्‍वास आधे से अधिक रशियन नागरिकों ने व्यक्त किया है|

 

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