सुदान और लीबिया को अराजकता की खाई में गिरने से रोकना होगा – इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अल सिसी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैरो – अफ्रीका के सामने खडी समस्याओं पर हल निकालने के लिए अफ्रीकी देशों ने ही पहल करनी होगी, यह कहकर सुदान और लीबिया को अराजकता की खाई में गिरने से बचाना ही होगा, यह चेतावनी इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अब्लेद फताह अल सिसी इन्होंने दी है| कैरो में हुई अफ्रीकन युनियन की बैठक में यह वक्तव्य करते समय सिसी इन्होंने सुदान और लीबिया में मौजूद चुनौतीयों का भार उठाने के लिए अंतराष्ट्रीय समुदाय ने आगे आना जरूरी है, यह निवेदन भी सिसी ने किया|

सुदान में स्थानिय जनता ने किए प्रदर्शनों में तानाशाह ‘ओमर अल बशिर’ इनकी हुकूमत पलट दी गई है| उसके बाद लष्करप्रमुख ने सत्ता की डोर संभालने के लिए की कोशिश भी नाकामयाब की गई है| वर्तमान में ‘मिलिटरी कौन्सिल’ के हाथ देश का नियंत्रण है| लेकिन, सुदान में शुरू प्रदर्शन अभी थमे नही ही बल्कि देशभर से कई प्रदर्शक राजधानी खार्तुम जा पहुंचे है| लष्करी प्रशासकों ने तुरंत नागरी क्षेत्र के नेता एवं गुटों के हाथ सत्ता की डोर देनी चाहिए, यह आक्रामक मांग प्रदर्शनकारी कर रहे है|

साथ ही लीबिया में जारी संघर्ष दिन हर दिन और भी तीव्र हो रहा है और राजधानी त्रिपोली के साथ नजदिकी क्षेत्र में शुरू हमलों में २६० से अधिक लोगों की मौत हुई है| इस संघर्ष में हजारों नागरिक विस्थापित हुए है और देश में नए गृहयुद्ध का विस्फोट होने का इशारा दिया गया है| अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ देशों ने लीबिया के बागी सेना अधिकारी खलिफा हफ्तार का समर्थन किया है और इस वजह से स्थिती और भी बिगड रही है, यह बात कही जा रही है|

इस पृष्ठभूमि पर कैरो में अल सिसी इनके नेतृत्व में आयोजित अफ्रीकी देशों की बैठक ध्यान आकर्षित करती है| सिसी ने अफ्रीकी देशों ने ही यह समस्या का हल निकालने के लिए पहल करने के संकेत देकर अपनी भूमिका स्वतंत्र होने की बात दिखाने की कोशिश की है| पिछले कुछ वर्षों में सिसी ने ईरान, रशिया और तुर्की जैसे देशों के साथ नजदिकीयां बढाई थी| लेकिन, अफ्रीकन देशों की परिषद में उन्होंने रखी भूमिका इस गठबंधन की नीति को छेद दे रही दिख रही है|

इसी बीच अंतर्गत स्तर पर सिसी ने देश में अपना नेतृत्व जनमत के माध्यम से और भी मजबूत किया है| इस वजह से अगले कुछ वर्षों तक सिसी ही इजिप्ट के सूत्रधार रहेंगे, यह स्पष्ट हुआ है और अफ्रीकी देशों को लेकर इजिप्ट की नीति अहम साबित होगी|

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