जापान ने ईशान्य भारत में निवेश बढाने का किया निर्णय

नई दिल्ली: जापान के भारत में नियुक्त राजदूत सातोशी सुझूकी ने ईशान्य भारत के राज्यों के विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे जितेंद्र सिंग से भेंट की| इस दौरान सुझूकी ने भारत के ईशान्य के राज्यों में बुनियादी सुविधा के क्षेत्र में जापान कर रहे बडे निवेश की जानकारी साझा की| इसके लिए जापान इन राज्यों से सहयोग समझौता कर रहा है, यह भी सुझूकी ने स्पष्ट किया| इस क्षेत्र में हो रहा जापान का निवेश चीन बेचैन कर रहा है और चीन ने इस मुद्दे पर समय समय पर आपत्ति जताई थी|

त्रिपुरा, सिक्कीम और नागालैंड इन राज्यों के साथ जापान ने वन व्यवस्थापन के संदर्भ में सहयोग समझौता किया है| साथ ही बांबू लगाना, आपत्ति व्यवस्थापन, रास्तों का निर्माण और गुवाहाटी में निर्माण हो रहे अपवाहतंत्र की योजना के लिए जापान ईशान्य के राज्यों की सहायता कर रहा है| ३७२ किलोमीटर का राष्ट्रीय महामार्ग ‘एनएच५४’ विकसित करने के लिए जापान सहायता कर रहा है और इसके लिए ६,१६८ करोड रुपयों का प्रावधान किया गया है|

इस महामार्ग की वजह से म्यानमार का सितवे बंदरगाह ईशान्य भारत से जुडा जाएगा| इससे ईशान्य के राज्यों को बडा लाभ होगा| भारत ने हाथ में लिए ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में इस परियोजना का बडा स्थान होने की बात कही जाती है| साथ ही जापान ने भारत की अन्य परियोजनाओं में बडी मात्रा में निवेश करने का तय किया है और दोनों देशों की सरकार यह संबंध और भी मजबूत और व्यापक करने के लिए उत्सुक होने की बात केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंग ने कही है|

कुछ हफ्ते पहले जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो भारत यात्रा पर आ रहे थे| आसाम की राजधानी गुवाहाटी में उनके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था| पर, ‘सिटिझनशिप एमेंडमेंट एक्ट’ का विरोध करने के उद्देश्य से हुए प्रदर्शनों की वजह से प्रधानमंत्री एबे ने अपनी यात्रा में बदलाव किया था| जापान के प्रधानमंत्री एबे जल्द ही भारत पहुंचेंगे, यह संदेशा भी भारत को प्राप्त हो रहा है|

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