जापान की मंत्रिमंडल की अतिरिक्त रक्षा खर्च को मंजुरी

टोकिओ – ‘जापान का रक्षा सामर्थ्य बढ़ाने के लिए हम सभी विकल्पों का विचार करेंगे। उसमें दुश्मन के अड्डे पर हमला करने के लिए योग्य क्षमता प्राप्त करने का भी समावेश होगा’, इन शब्दों में जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने बढ़ते रक्षा खर्च का समर्थन किया। जापान के मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को ६.८ अरब डॉलर्स के अतिरिक्त रक्षा खर्च को मंजूरी दी। इस निधि का इस्तेमाल प्रगत क्षेपणास्त्र यंत्रणा, पनडुब्बी विरोधी रॉकेट्स तथा अन्य शस्त्रास्त्रों के लिए किया जाएगा, ऐसे संकेत दिए गए हैं।

अतिरिक्त रक्षा खर्चपिछले कुछ सालों में चीन तथा उत्तर कोरिया द्वारा आक्रामक गतिविधियाँ जारी हैं। चीन जापान के नजदीकी सागरी सीमा में लगातार युद्धपोत तथा गश्तीनौका भेज रहा होकर, कुछ महीने पहले एक पनडुब्बी की आवाजाही भी पाई गई थी। चीन ने रशियन युद्धपोतों की सहायता से जापान की सागरी सीमा के पास गश्ती मुहिम भी चलाई थी। दूसरी ओर, उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु-अस्त्र-क्षमता बढ़ाने की गतिविधियाँ जारी होकर, पिछले कुछ महीनों में नए परीक्षण भी किए गए हैं।

अतिरिक्त रक्षा खर्चइन घटनाओं से जापान की सुरक्षा को रहने वाला खतरा बढ़ा है। चीन और उत्तर कोरिया के खतरे का मुकाबला करने के लिए जापान द्वारा लगातार रक्षा सामर्थ्य में बढ़ोतरी की जा रही है। इसके लिए हर साल रक्षा खर्च भी बढ़ाया जा रहा हो कर कमा इस साल भी वह बढ़ाया गया है। कोरोना की पृष्ठभूमि पर अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए घोषित किए गए विशेष पैकेज में रक्षा क्षेत्र का भी समावेश किया गया था। इस पैकेज के अनुसार, ६.८ अरब डॉलर्स का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।

अतिरिक्त प्रावधान के माध्यम से नई रक्षा यंत्रणाओं की खरीद करने की प्रक्रिया तेज़ की जानेवाली है। इसमें प्रायः क्षेपणास्त्र और रॉकेट्स का समावेश है। शनिवार को जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने रक्षा अड्डे की भेंट की, जिसमें उन्होंने इस अतिरिक्त रक्षा खर्च का समर्थन किया। इस समय उन्होंने, जापान के आसपास की सुरक्षा विषयक स्थिति चिंताजनक है यह बताकर, रक्षा खर्च में दोगुनी बढ़ोतरी करने की भी तैयारी दर्शाई है।

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