चीन की बढ़ती आक्रमकता की पृष्ठभूमि पर जापान द्वारा लगातार नौवें साल में रक्षाखर्च में वृद्धि

टोकिओ – कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर, चीन द्वारा आक्रामक वर्चस्ववादी हरक़तें जारी होकर, उसका मुक़ाबला करने के लिए जापान ने ज़ोरदार तैयारी शुरू की है। सोमवार को जापान ने रक्षाक्षेत्र के लिए तक़रीबन ५२ अरब डॉलर्स का प्रावधान कर रहा होने का ऐलान किया। पिछले वर्ष की तुलना में जापान ने अपने रक्षाखर्च में १.१ प्रतिशत बढ़ोतरी की है। जापान ने लगातार नौवीं बार रक्षाखर्च में बढ़ोतरी की है। स्वदेशी बनावट के ‘स्टेल्थ फायटर जेट’, लाँगरेंज विध्वंसकभेदी क्षेपणास्त्र और ‘कॉम्पॅक्ट वॉरशिप्स’ के निर्माण पर जापान ज़ोर देगा, ऐसा इस समय बताया गया।

china-japanचीन ने गत कुछ महीनों में साऊथ चायना सी समेत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बड़े पैमाने कर अपनीं हरक़तें बढ़ायीं हैं। पूरे साऊथ चायना सी तथा ईस्ट चायना सी पर कब्ज़ा करने की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षा इसके पीछे है। जापान से नज़दीकी ईस्ट चायना सी में चीन के विध्वंसक, पनडुब्बियाँ तथा गश्तीनौकाएँ जापान की सार्वभूमता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। मई महीने में चीन ने अपना ‘लिओनिंग’ यह विमानवाहक युद्धपोत और ‘स्ट्राईक ग्रुप’ जापान के नज़दीकी ईस्ट चायना सी क्षेत्र में तैनात किये थे। चीन के लड़ाक़ू विमानों द्वारा जापान की हवाईसीमा में घुसपैंठ की कोशिशें की जा रहीं है, ऐसे दावें भी सामने आये है।

china-japanइस पृष्ठभूमि पर, जापान ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे के नेतृत्व में रक्षानीति में बड़े बदलाव करना शुरू किया था। रक्षाखर्च में लगातार की जा रही बढ़ोतरी यह उसीका एक भाग है। ऍबे के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर बाग़ड़ोर सँभाले हुए योशिहिदे शुगा ने भी यही नीति आगे बरक़रार रखने के संकेत दिये हैं। सोमवार को साझा की जानकारी के अनुसार, सन २०२१ के लिए जापान ने अपने रक्षाक्षेत्र के लिए ५१.७ अरब डॉलर्स का प्रावधान किया है।

china-japanदो ही दिन पहले जापान ने, अपनी सागरी सीमा के नज़दीक ख़तरनाक तरीके से आवाजाही करनेवाले विध्वंसकों को लक्ष्य करने के लिए लाँगरेंज क्षेपणास्त्रों का निर्माण कर रहा होने का ऐलान किया था। उससे पहले भी पिछले कुछ महीनों में जापान ने अपने रक्षाबलों की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ घोषित कीं है। उनमें स्वदेशी बनावट के ‘स्टेल्थ फायटर जेट’ का समावेश होकर, उसके लिए अमरीका की ‘लॉकहिड मार्टिन’ इस कंपनी से सहायता ली जा रही है।

china-japanसितम्बर महीने में जापान सरकार ने अपने रक्षाबल को, इससे आगे दुश्मन के भूभाग पर हमलें करने की अनुमति होने का ऐलान किया था। उससे पहले हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र यंत्रणा तथा विमानवाहक युद्धपोत विकसित करने के संकेत भी जापान द्वारा दिये गए थे। अगस्त महीने में जापान की सत्ताधारी पार्टी ने, ‘इंटिग्रेटेड एअर अँड मिसाईल डिफेन्स’ क्षमता होनेवाला अड्डा विकसित करने का प्रस्ताव भी मंज़ूर किया था।

इसके अलावा जापान ने, अमरीका से खरीदी जानेवाली रक्षासामग्री में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी करने के संकेत दिये हैं। उसमें ‘एफ-३५’ ये लड़ाक़ू विमान, अतिप्रगत ‘एजिस’ राडार यंत्रणा, पॅट्रिऑट क्षेपणास्त्र, ‘बिजीएम-१०९ टॉमाहॉक क्रूज़ मिसाईल्स’ तथा ड्रोन्स का समावेश है।

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