इटली में जन्मदर में आयी गिरावट को रोकने के लिए नयी योजना

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इटली में जन्मदर में चिंताजनक गिरावट आयी है। निर्वासितों के बढ़ते रेले इटली में दाख़िल हो रहे होने के बावजूद भी जन्मदर एवं जनसंख्या में आ रही रेकॉर्ड गिरावट को रोकने के लिए इटली ने नयीं योजनाएँ हाथ में ली हैं। इसमें, बच्चे का जन्म होने के बाद परिवार को दी जानेवाली अर्थसहायता में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है। परिवार में यदि दूसरे बच्चे का जन्म हुआ, तो अर्थसहायता और बढ़ाने के संकेत भी इस प्रस्ताव में हैं। सन २०१५ में इटली में जन्मदर का प्रमाण ८.४ प्रतिशत तक कम हुआ होकर, यह डेढ़सौ वर्षों का नीचांक है। पिछले दो सालों में, इटली में तीन लाख से अधिक निर्वासित दाख़िल हुए होने के बावजूद भी, जन्मदर एवं जनसंख्या में गिरावट हुई होने के कारण उसपर चिंता ज़ाहिर की जा रही है।

इटली में सन २०१५ में केवल चार लाख ८८ हज़ार जन्मों का पंजीकरण किया गया है। सन २०१४ की तुलना में इसमें तीन प्रतिशत की रेकॉर्ड गिरावट हुई होकर; यदि एक दशक पहले की स्थिति पर ग़ौर किया जाये, तो १.२ प्रतिशत औसत की गिरावट आयी है। यह गिरावट इटली के १५० सालों के इतिहास का नीचांक है, ऐसा कहा जाता है। जन्मदर में गिरावट इसी तरह क़ायम रही, तो १० साल बाद इटली में जन्म का प्रमाण प्रतिवर्ष साढ़ेतीन लाख से भी कम हुआ रहेगा और यह सबसे भयानक बात होगी, ऐसा डर देश की स्वास्थ्यमंत्री बेट्रिस लॉरेन्झिन ने व्यक्त किया।

देश में जन्मदर में आ रही गिरावट को रोकने के लिए स्वास्थ्यमंत्री ने, बच्चे को जन्म देनेवाले परिवार को दी जानेवाली अर्थसहायता को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। फिलहाल इटली में बच्चे का जन्म होने पर, कम आय रहनेवाले परिवार को ८० युरो इतनी अर्थसहायता दी जा रही है। इस अर्थसहायता को दुगुनी करने का प्रस्ताव होकर, इसके आगे नये बच्चे का जन्म होने के बाद १६० युरो की अर्थसहायता दी जायेगी, ऐसा लॉरेन्झिन ने कहा। उसीके साथ, परिवार में दूसरे बच्चे का जन्म तथा उसके बाद होनेवाले हर जन्म के साथ अर्थसहायता को अधिक से अधिक बढ़ाते जाने की योजना भी स्वास्थ्यमंत्री ने प्रस्तुत की है।

‘गत पाँच सालों में इटली के जन्मदर में पूरे ६६ हज़ार की गिरावट आयी है। यदि इसके साथ देश के बूढ़ों की संख्या तथा दुर्धर बीमारियों से ग्रस्त हुए नागरिकों की संख्या को जोड़ें, तो हमारे सामने ‘मौत के रास्ते पर चल रहे देश’ का चित्र दिखायी देने लगता है’, ऐसे कठोर शब्दों मे स्वास्थ्यमंत्री लॉरेन्झिन ने वास्तव का एहसास कराया। लेकिन अर्थसहायता को इस तरह बढ़ाने के बाद, देश की अर्थव्यवस्था को अगले छ: वर्षों में तक़रीबन २ अरब युरो से भी अधिक का बोझ उठाना पड़ेगा, ऐसा भी उन्होंने कहा।

इटली के जन्मदर में गिरावट आने के लिए देश की आर्थिक परिस्थिति भी कारणीभूत होने की जानकारी ‘आयस्टॅट’ इस सरकारी यंत्रणा ने दी। ‘इटली के उत्पादनक्षेत्र में मंदी का वातावरण है और नये निवेश भी नहीं आ रहे हैं। इसलिए नये युगुलों को नौकरी एवं घर ऐसी दोनों बातों की चिंता सता रही होकर, उसका असर ‘बच्चें होने देने के’ फ़ैसले पर पड़ा दिखायी दे रहा है’, इस बात पर ‘आयस्टॅट’ के रिपोर्ट ने ग़ौर फ़रमाया है।

जन्मदर ८.४ प्रतिशत के नीचांक तक गया होते हुए ही, मृत्यु का दर ९ प्रतिशत से उपर पहुँच चुका है। पिछले साल इटली में लगभग छ: लाख ५३ हज़ार लोगों की मृत्युओं को दर्ज़ किया गया है। जन्म की अपेक्षा मृत्यु का प्रमाण बढ़ने से, देश की जनसंख्या पर उसका ठेंठ असर होने लगा है और पूरे छ: दशकों के बाद इटली की जनसंख्या १ लाख ३९ हज़ार से घट गयी होने की बात सामने आयी है।

इटली में पिछले तीन वर्षों में साढ़ेतीन लाख से भी अधिक निर्वासित एवं स्थलांतरित दाख़िल हुए होने के कारण, जनसंख्या में होनेवाली गिरावट का प्रमाण कुछ हद तक कम दिखायी दे रहा है। लेकिन विदेशी नागरिकों की संख्या बढ़ रही होने के बावजूद भी, प्रत्यक्ष रूप में नागरिकत्व का स्वीकार करनेवालों की संख्या पिछले दस वर्षों में गिर गयी है, ऐसी जानकारी यंत्रणाओं ने दी। उसीके साथ, सन २०१५ में पूरे एक लाख नागरिकों ने देश छोड़ा होने की जानकारी भी सामने आयी है।

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