युरोपीय महासंघ अब खुद की रक्षा करने में असमर्थ, कमज़ोर ताक़त : हंगेरीयन प्रधानमंत्री की तीख़ी आलोचना

बुडापेस्ट, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – ‘जर्मनी और फ्रान्स में हुए हमलें तथा ‘ब्रेक्झिट’ के बाद युरोपीय महासंघ यह अब, खुद के ध्येय को पूरा न कर सकनेवाली और नागरिकों की रक्षा के लिए असमर्थ रहनेवाली कमज़ोर प्रादेशिक शक्ति बन चुका है’ ऐसी तीखी आलोचना हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन द्वारा की गयी है|

Hungary's-Prime-Minister-Viktor-Orbanजर्मनी के म्युनिक शहर में हुए हमले के बाद ऑर्बन द्वारा यह प्रतिक्रिया आयी है| उन्होंने कहा कि जर्मनी में हुए हमले के बाद वे काफ़ी निराश हो चुके हैं| जर्मनी के म्युनिक शहर में शुक्रवार को, १८ साल के एक युवक ने की हुई अंधाधुंध गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हुई थी|

‘युरोप की ग़लत धारणा और वृथा अभिमान छोडने का समय अब आ चुका है| ब्रेक्झिट के बाद युरोपीय महासंघ आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान खो चुका है| अब युरोपीय महासंघ खुद की सरहदों की और जनता की रक्षा करने में नाक़ाम रही प्रादेशिक ताक़त बनकर रह गयी है| यह ताक़त जनता में एकता बनाये रखने में भी असफल रही है| कमज़ोर पड़ा हुआ युरोपीय महासंघ शरणार्थियों के प्रवाह को भी नहीं रोक सकता| अफ्रीका तथा एशिया की बढती जनसंख्या की वजह से युरोप में आनेवाले शरणार्थियों की तादात बढती ही जानेवाली है’ इन कड़े शब्दों में हंगेरी के प्रधानमंत्री ने युरोपीय महासंघ को फटकार लगायी|

प्रधानमंत्री ऑर्बन ने आगे कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ‘जर्मनी में हुए हमलों के बाद मैं बहुत निराश हो चुका हूँ| पिछले ३० से ४० साल से हम जर्मनी को लोकतंत्र का दायित्व निभानेवाले देश के रूप में जानते हैं|

EU-युरोपीय महासंघ

लेकिन कुछ दिन पहले फ्रान्स के नीस शहर में जो हुआ, उसकी पुनरावृत्ति जर्मनी में होती हुई दिखायी दी| यह ख़तरा अब हम सब के नज़दीक आने लगा है| जिस देश को हम युरोपीय महासंघ का प्रमुख आधारस्तंभ मानते थे, उसी देश में ऐसा हमला होना बडी गंभीर बाब है| इस हमले ने यह साबित किया है कि जर्मनी जैसा देश भी अपने नागरिकों की सुरक्षा का ज़िम्मा नहीं उठा सकता|’

हंगेरी के प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि युरोप का राजनीतिक नेतृत्व इम्तिहान में स्पष्ट रूप से असफल हुआ है और महासंघ की अगली बैठक में शायद युरोप के भविष्य पर ही चर्चा करनी पड़ सकती है| उन्होंने आगे गंभीर इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि युरोपीय महासंघ की दफ़्तरशाही आतंकवादियों से भी ज़्यादा खतरनाक है| उसी समय, ऑर्बन ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की भी प्रशंसा की| ट्रम्प द्वारा आतंकवाद के खिलाफ़ बतायी गयी नीति स्वीकारार्ह है, ऐसी टिप्पणी भी उन्होंने की|

पिछले डेढ़ साल के समय में युरोप को ग्रीस का आर्थिक संकट, शरणार्थी, आतंकवादी हमले और ‘ब्रेक्झिट’ जैसी आपत्तियों का सामना करना पड़ा है| इसके बाद भी युरोपीय महासंघ के सदस्य देशों में तीव्र मतभेद सामने आये हैं| युरोपीय महासंघ के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, हंगेरी के प्रधानमंत्री द्वारा की गयी आलोचना ग़ौरतलब साबित हो रही है|

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