ब्रेक्जिट की वजह से क्या लंडन ‘युरोप के आर्थिक केंद्र’ का स्थान खो देगा?

दौड में पॅरिस, फ्रँकफर्ट और डब्लिन का नाम

दि. १, लंडन (समाचार संस्था) – युरोप के साथ ही दुनिया भर की आर्थिक तथा वित्त क्षेत्र की गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रह चुका ‘लंडन’ जल्द ही इस स्थान को गँवाने का डर है। ‘ब्रेक्जिट’ के बाद ब्रिटन स्थित अनेक कंपनियों द्वारा अपना दफ्तर देश के बाहर स्थानांतरित करने के संकेत दिये गये है। ब्रिटन से निकलने वाले इन कंपनियों को खुद की ओर खींचने के लिये जर्मनी, फ्रान्स तथा आयरलैंड जैसे देशों द्वारा प्रयास शुरु हो चुके है।

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ब्रिटन की अर्थव्यवस्था में अर्थ तथा वित्त क्षेत्र के व्यवहारों का बडा हिस्सा है। सन २०१४ की जानकारी के अनुसार, इन क्षेत्रों द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में करीब १२ प्रतिशत योगदान दिया गया है। ब्रिटन में करीब २२ लाख लोग इस क्षेत्र से जुडे हुए है और इसमें से करीब सात लाख लोग लंडन में काम करते है। युरोप के ‘ग्लोबल फायनान्शिअल हब’ की पहचान पानेवाला लंडन, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में सक्रिय है। पर अब संकेत मिल रहे है कि ‘ब्रेक्जिट’ की वजह से लंडन को यह स्थान गँवा देना पडेगा।

‘ब्रेक्जिट’ के प्रचार अभियान के दौरान, ब्रिटन स्थित सैंकडो कारोबारियों द्वारा विशेष आवाहन किया गया था। इसमें ब्रिटन को, युरोपीय संघ छोडने के खिलाफ चेतावनी दी गयी थी। अगर ब्रिटन ‘ब्रेक्जिट’ का साथ देता है, तो कारोबार बाहरी देश में जाकर बसाने की बात भी कही गयी थी। जनमतसंग्रह के अंतिम चरण में भी ‘ब्रेक्जिट’ की वजह से देश को होनेवाले आर्थिक नुकसानी पर ज्यादा जोर दिया गया था। ‘ब्रेक्जिट’ का फैसला आने के बाद अब उद्योगजगत से तीव्र प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हो चुका है।

आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख वित्तसंस्था के रूप में पहचाने जानेवाले ‘मॉर्गन स्टॅन्ले’, ‘बर्कलेज्’, ‘सिटीग्रुप’ जैसी कंपनियों द्वारा, अपना कारोबार ब्रिटन के बाहर स्थानांतरित करने के संकेत दिये जा चुके है। ब्रिटन स्थित कई बँकों द्वारा ‘ब्रेक्जिट’ के बाद खास बैठक का भी आयोजन किया गया था। इस बैठक के बाद, बँकों द्वारा ब्रिटीश एजंसियों को आवाहन किये जाने की बात भी सामने आयी है। वहीं, दूसरी ओर युरोपीय शेअरबाजार से जुडे उपक्रमों ने भी, अपने दफ्तर ब्रिटन से निकालते हुए अन्य युरोपीय देशों में ले जाने के संकेत दिये है। इन उपक्रमों द्वारा यह दावा किया गया है कि आर्थिक स्थिरता तथा अन्य युरोपीय देश में चल रहे कारोबार के अनुसार यह बात ठीक रहेगी।

लंडन का ‘ग्लोबल फायनान्शिअल हब’ का स्थान पाने के लिए अब अन्य युरोपीय शहरों द्वारा प्रयास शुरू हो चुके है। इनमें जर्मनी, फ्रान्स तथा आयर्लंड यह देश प्रमुख है। जर्मनी के फ्रँकफर्ट शहर में ब्रिटन स्थित बैंकों के लिए स्वतंत्र रूप से ‘हॉटलाईन’ शुरू कर दी गयी है। फ्रान्स के वित्त क्षेत्र में स्थित ‘पॅरिस युरोफेस’ नामक संगठन ने अगले कुछ ही दिनों में लंडन का दौरा करने के संकेत दिये है। आयर्लंड की ‘फॉरेन इन्व्हेस्टमेंट एजन्सी’ द्वारा ब्रिटन स्थित एक हजार से अधिक निवेशकों को विशेष खत भेजे जाने की बात भी सामने आयी है।

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