‘जी २०’ बैठक में यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठा

गांधीनगर – गुजरात के गांधीनगर में ‘जी २०’ के वित्त मंत्रियों की बैठक का आयोजन हुआ। दो दिन चली इस बैठक में क्रिप्टोकरन्सी, करों को लेकर पारदर्शिता, कर चोरी करने वालों के विरोधी कार्रवाई, बहुराष्ट्रीय बैंकों से संबंधित सुधार के मुद्दे पर चर्चा होने की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने साझा की। लेकिन, मंगलवार को हुई इस बैठक में संयुक्त निवेदन जारी नहीं किया गया। यूक्रेन युद्ध को लेकर बने तीव्र मतभेद ही इसकी वजह बनते देखे गए।

‘जी २०’ के सदस्य देशों की सभी मुद्दों पर सहमति बने, इसके लिए भारत ने पहल की थी। रशिया-यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों ने रशिया के विरोध में तीव्र भूमिका बनाए रखी। अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स ने ‘जी २०’ की बैठक में रशिया का कड़े शब्दों में निषेध करने की मांग की थी। वहीं, रशिया और चीन ने इसका तीव्र विरोध किया।

रशिया ने यूक्रेन पर युद्ध थोंपा है और इस वजह से रशिया का निषेध होना ही चाहिये, ऐसा अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रान्स का कहना था। वहीं, यह मांग यानी हमारे खिलाफ शुरू अभियान का हिस्सा है, ऐसी आलोचना रशिया ने की। ऐसी स्थिति में भारत ने तटस्थ भूमिका अपनाकर इससे हल निकालने की कोशिश की। लेकिन, इसे सफलता हासिल नहीं हो सकी। इस वजह से गांधीनगर में आयोजित ‘जी २०’ की बैठक के बाद संयुक्त निवेदन जारी नहीं हो सका।

इसी बीच, वित्त मंत्री सीतारामन ने इस बैठक में बोलते हुए कुछ देशों पर बढ़ रहे कर्ज़ को लेकर गंभीर चिंता जताई। इस कर्ज़ के कारण कुछ देश दिवालीया होने की दहलीज पर पहुंचे होने का बयान संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल ही में जारी किए अपनी रपट में किया था। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने अमरीका और चीन के वित्त मंत्री से हुई चर्चा में इसी कर्ज़ का मुद्दा उठाया। अमरीका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने भी इसपर चिंता जताई।

इसके साथ ही क्रिप्टोकरन्सी और इसपर नियंत्रण रखने की यंत्रणा का मुद्दा भारत ने ‘जी २०’ बैठक में उठाया। इसपर सदस्य देश प्रतिक्रिया दर्ज़ करते देखे गए। ‘जी २०’ के वित्त मंत्री की लगातार आयोजित तीसरीं बैठक में भारत इस मुद्दे को उठाता दिखाई दिया। क्रिप्टोकरन्सी से होने वाले खतरे के मद्देनज़र सभी देश इस वर्चुअल मुद्रा को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएं, ऐसा आवाहन भारत लगातार कर रहा है। ‘जी २०’ इस बैठक में भी भारत ने यह मुद्दा उठा कर सदस्य देशों से आवाहन किया।

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