सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए भारत-जापान ने किया समझौता

नई दिल्ली – सेमीकंडक्टर की इकोसिस्टिम यानी सेमीकंडक्टर बनाने के लिए आवश्यक सहायक उद्योग सहयोग से स्थापित करने के लिए भारत और जापान ने समझौता किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और जापान के वित्त, व्यापार और उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। सेमीकंडक्टर के निर्माण में जापान भारत से सहयोग कर रहा हैं, यह बात काफी बड़ी साबित होती है। इससे भारत को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होने के आसार स्पष्ट दिखने लगे हैं।

वर्ष २०२७ तक भारत में सेमीकंटक्टर का उद्योग बढ़कर १०० अरब डॉलर तक जा पहुंचेगा। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने सेमीकंडक्टर का निर्माण करने के लिए जोरदार कोशिश शुरू की है। इसके लिए ताइवानी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए भी तैयार हैं। अब जापान ने भी भारत में सेमीकंडक्टर का निर्माण करने के लिए एवं इसके अनुसंधान के लिए भारत को सहायता प्रदान करने की तैयारी दिखाकर इससे संबंधित समझौता भी किया  है। इस वजह से भारत में सेमीकंडक्टर का निर्माण गतिमान हो सकता है।

चीन में सेमीकंडक्टर का सबसे अधिक निर्माण किया जाता है। अमरीका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया इन देशों से सेमीकंडक्टर के लिए आवश्यक विभिन्न सामान चीन भेजा जाता है। इसे जोड़कर चीन में सेमीकंडक्टर का निर्माण होता है। इस वजह से सेमीकंडक्टर का स्वतंत्र निर्माण करने में चीन अभी तक सफल नहीं हुआ है। इसके लिए चीन ने किया भारी निवेश जाया गया है, यह दावा भी  हो रहा है। ऐसी स्थिति में भारत सेमीकंडक्टर का निर्माण करने के लिए कर रहे कोशिशों को किस हद तक सफलता प्राप्त होगी, ऐसी आशंका कुछ लोगों ने व्यक्त की थी। लेकिन, सेमीकंडक्टर के निर्माण का दुनियाभर में काम कर रहे कुशल लोगों में २० प्रतिशत भारतीय हैं, इसपर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ध्यान आकर्षित किया था। ताइवान ने सेमीकंडक्टर बनाने के लिए हम भारत की सहायता करने के लिए काफी उत्सुक होने के दावे किए थे। इस वजह से सेमीकंडक्टर को लेकर विश्व की चीन पर बनी निर्भरता कम हो जाएगी’, यह दावा किया जा रहा है।

साथ ही ताइवान के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काम  कर रहीं कंपनियां को चीन के हमले का खतरा होने से अपने कारखाने को भारत में शुरू करना उचित साबित होगा, ऐसा विचार ताइवानी कंपनियां रखथी है। इस वजह से भारत और ताइवान का सहयोग बढ़ता दिख रहा हैं।

ताइवान के अलावा जापान भी सेमीकंडक्टर के निर्माण में भारत से सहयोग करने के लिए तैयार होने की बात स्पष्ट होने से भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की प्रतिक्रिया गतिमान होने के आसार दिख रहे हैं। इसी बीच, जापान भारत में पांच ट्रिलियन येन निवेश करेगा, यह जानकारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंदिया ने साझा की। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जापान यह निवेश करेगा, ऐसा कहकर सिंदिया ने इस मुद्दे पर जापान के उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा के साथ गहरी चर्चा होने की बात कही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.