इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू भारत मे दाखिल

नई दिल्ली / जेरूसलेम: इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ६ दिनों के भारत दौरे पर आए हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजशिष्टाचार को बाजू में रखते हुए इस्रायल के प्रधानमंत्री का स्वागत किया है। भारत और इस्रायल में राजनीतिक संबंधों को २५ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर आयोजित किए इस्रायल के प्रधानमंत्री के दौरे के दरमियान दोनों देशों में अनेक महत्वपूर्ण सहयोगी करार संपन्न होंगे। “भारत जागतिक महासत्ता होकर भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध सक्षम करने के लिए इस्रायल उत्सुक हैं”, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने अपने इस दौरे का महत्व रेखांकित किया है।

पिछले १५ वर्षों में हुए इस्रायली प्रधानमंत्री का यह पहला भारत दौरा है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी पहली बार इस्रायल के दौरे पर गए थे। उस के बाद दोनों देशों में संबंध अधिक दृढ़ एवं व्यापक बने हैं। उस के बाद प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के भारत दौरे से यह संबंध अधिक विकसित होंगे, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है। इस दौरे पर निकलने से पहले प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इस्रायली प्रसार माध्यमों से बोलते हुए अपना यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया था।

“मैं भारत के ऐतिहासिक दौरे पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इनके साथ भारत के नेताओं की भेंट होगी और उस समय महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सहयोगी करारों पर हस्ताक्षर होंगे, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है। इस्रायल की सुरक्षा, आर्थिक, व्यापारी हित के रूप से यह बात बहुत महत्वपूर्ण होगी, ऐसा विश्वास उस समय नेत्यान्याहू ने व्यक्त किया था।

इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के साथ १३० प्रतिनिधीयों का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत में आया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के बाद दोनों देशों में अनेक महत्वपूर्ण सहयोग संपन्न होंगे। इस में रक्षा, कृषि, पानी संवर्धन, विज्ञान, तंत्रज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र के संदर्भ में सहयोगी करारों का समावेश है।

रविवार को दोनों नेताओं ने दिल्ली के ‘तीन मूर्ति’ चौक को भेट दी थी। तीन मूर्ति चौक का नाम बदला है और वह अब ‘तीन मूर्ति हैफा’ मार्ग के तौर पर पहचाना जाने वाला है। पहले महायुद्ध में ऐतिहासिक हैफा शहर में जर्मन और तुर्की सेना के साथ ब्रिटिश के नियंत्रण में होने वाले भारतीय सैनिकों का घनघोर युद्ध हुआ था। भारतीय सैनिकों की वजह से हैफा शहर जर्मनी से सुरक्षित रहा था। जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर इन तीन प्रांतों से हैफा में लड़ने के लिए, सैनिकों के समानार्थक तीन मूर्ति चौक निर्माण किया गया था।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू में द्विपक्षीय में चर्चा संपन्न होगी। तथा दूसरे भारत-इस्रायल सीईओ फोरम की बैठक में, वह दोनों शामिल होने वाले हैं। उस के बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ अनेक नेताओं की प्रधानमंत्री से भेंट होने वाली है।

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