सीरिया पर हुए अमरिका के हमले का इस्राइल, जापान, ऑस्ट्रेलिया एवं तुर्की से स्वागत

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टोकियो/कैनबेरा /अंकारा: अमरिका, ब्रिटेन और फ्रान्स ने शनिवार को सीरिया में किए हवाई हमले का इस्राइल, जापान, ऑस्ट्रेलिया और तुर्की ने स्वागत किया है। अपने ही नागरिकों पर रासायनिक हमले करनेवाले अस्साद सल्तनत पर हुई यह कार्रवाई योग्य ही थी, ऐसी प्रतिक्रिया इन देशों ने दी है। सीरिया पर हमला मतलब रासायनिक शस्त्रास्त्र का उपयोग करने वालों पर यथोचित प्रतिक्रिया थी। अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन के इस हमले की वजह से सीरिया में अस्साद सल्तनत और उसका लष्कर खतरे में आया है। आगे चलकर ऐसी कार्यवाही शुरु रही तो अस्साद सल्तनत गिरने की खबरें आ सकती है। यह हमला मतलब ईरान, सीरिया और हिज्बुल्लाह इन शैतानी त्रिकुट को मिला महत्वपूर्ण संदेश है, ऐसा कहकर इस्राइल ने इस हमले का स्वागत किया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों के अनुसार रासायनिक शस्त्रास्त्र का उपयोग पर प्रतिबंध है। इसकी वजह से सीरिया में अस्साद सल्तनत ने अपने ही जनता पर किए रासायनिक हमले का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। इसकी वजह से अमरिका, ब्रिटेन और फ्रान्स द्वारा अस्साद सल्तनत पर किये हमले को जापान का समर्थन है, ऐसी घोषणा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने किया है।

साथ ही रासायनिक शस्त्रास्त्र का उपयोग आगे चलकर न हो इसके लिए हमले किए जा रहे थे। ऐसे रासायनिक हमलो के विरोध में जापान संयुक्त राष्ट्रसंघ के साथ आग्रही भूमिका लेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ऐबे ने कहा है।

अमरिका और मित्र देशों ने सीरिया पर चढ़ाया हमला मतलब रासायनिक शस्त्रास्त्र का बेमालूम तौर पर उपयोग करनेवाले अस्साद सल्तनत और उनके समर्थक को स्पष्ट संदेश था, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय रासायनिक शस्त्रास्त्र का उपयोग कभी भी सहन नहीं करेगा, ऐसा इशारा इस हमले से लिया गया है, ऐसा भी प्रधानमंत्री टर्नबुल ने कहा है।

दौरान सीरिया में शुरू संघर्ष में अमरिका विरोधी भूमिका लेनेवाले तुर्की ने भी अमरिका के कार्यवाही का स्वागत करके सब को धक्का दिया है। दौमा में रासायनिक हमला मतलब मानवता पर हमला था। इस रासायनिक हमले की तुर्की ने इससे पहले भी कठोर शब्दों में टीका की थी और अमरिका और मित्र देशों के यह हमले अस्साद सल्तनत के लिए कड़ा उत्तर है ऐसी प्रतिक्रिया तुर्की के विदेश मंत्रालय ने दी है।

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