भारत में इस्रायल और यूरोपिय देशों के निवेश में बढ़ोतरी

लखनौ – कोरोना की महामारी के दौर में बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संवारने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं और इसे इस्रायल एवं यूरोपिय देशों से सहयोग प्राप्त होने की बात सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में इस्रायल जलव्यवस्थापन के लिए और जर्मनी अलीगड़ के रक्षा क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। इसी बीच फ्रान्स ने भी भारत में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है और इस मुद्दे पर दोनों देशों में चर्चा जारी है।

भारत में इस्रायल और यूरोपिय देशों के निवेश में बढ़ोतरीबुधवार के दिन भारत और इस्रायल के बीच जलव्यवस्थापन क्षेत्र में अहम समझौता हुआ। इस समझौते के तहत बुंदेलखंड के सूखे इलाके में जल-संधारण और कृषि के लिए पानी का उचित इस्तेमाल करने के लिए प्रगत यंत्रणा का निर्माण किया जाएगा। इस समझौते पर इस्रायल के राजदूत रॉन माल्का और उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने हस्ताक्षर किए। वर्ष २०१७ में प्रधानमंत्री मोदी की इस्रायल यात्रा के दौरान दोनों देशों ने जल-व्यवस्थापन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए थे। इसके आधार पर ही यह समझौता किया गया है।

भारत में इस्रायल और यूरोपिय देशों के निवेश में बढ़ोतरीउत्तर प्रदेश की सरकार ने कुछ दिन पहले ही डिफेन्स कॉरिडॉर का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड़, अलीगड़, कानपुर, झांसी और चित्रकूट ज़िलों में ५,००० हेक्टर से अधिक क्षेत्र में इस परियोजना का निर्माण किया जाएगा। इस डिफेन्स कॉरिडॉर में निवेश करने के लिए जर्मनी ने उत्सुकता दिखाई है। ऱ्हाईनमेटल कंपनी की इलेक्ट्रॉनिक्स डिव्हिजन और एअर डिफेन्स उपक्रम के प्रमुख ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार से निवेश के मुद्दे पर चर्चा की थी। यह चर्चा सकारात्मक होने की जानकारी एमएसएमई और निवेश विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने साझा की। जर्मन कंपनी ने भारत सरकार की भेल कंपनी का सहयोग प्राप्त करने की भी तैयारी की है और इसके माध्यम से एक अरब डॉलर्स से अधिक निवेश हो सकता है, यह संकेत भी उन्होंने दिए हैं।

कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के एमएमएमई विभाग और फ्रान्स स्थित भारतीय राजदूत जावेद अश्रफ की चर्चा होने की जानकारी प्रदान की गई है। इस दौरान फ्रान्स ने रक्षा, हवाई, कपड़ा, पदत्राण एवं कुशलता विकास जैसे क्षेत्रों में संभावित निवेश करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने के लिए सहमति दिखाई है। चीन के विकल्प की खोज कर रही फ्रेंच कंपनियां भारत में आने के लिए उत्सुक हैं और इसके लिए उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता देने के संकेत राजदूत अश्रफ ने दिए हैं, यह बयान एमएसएमई और निवेश विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंग ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.