ज्यू, इस्रायली नागरिकों पर पूरे विश्‍व में हमले करने की साज़िश रचनेवाला रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ का अधिकारी ढ़ेर – इस्रायल की मोसाद पर ईरान का आरोप

जेरूसलम – ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के वरिष्ठ अधिकारी कर्नल हसन सय्यद खोदयारी की राजधानी तेहरान में गोली मारकर हत्या की गयी। पूरे विश्‍व में ज्यू धर्मी और इस्रायली नागरिकों के अपहरण और हत्या करने की योजना खोदयारी ने बनाई थी। इस वजह से इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद ने खोदयारी की हत्या की, यह आरोप ईरान के माध्यम लगा रहे हैं। इसी बीच, कर्नल खोदयारी ईरान के कुदस्‌ फोर्सस के पूर्व प्रमुख कासिल सुलेमानी के दाहिने हाथ माने जाते थे।

रविवार दोपहर उनके निवास के परिसर में गाड़ी पार्क करते समय कर्नल खोदयारी पर हमलावरों ने पांच गोलियां चलायीं। मोटर सायकल पर पहुँचे हमलावरों ने यह हमला किया, ऐसा ईरानी यंत्रणाओं ने कहा है। हमलावरों की तलाश जारी होने की बात ईरान के अधिकारी ने कही। अहंकार से भरे अपराधिक और वैश्‍विक आतंकी गुटों ने यह हमला किया, ऐसा आरोप ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने लगाया है।

इससे पहले अमरीका और इस्रायल पर आरोप लगाने के लिए रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने ऐसे बयानों का इस्तेमाल किया था। इस वजह से अप्रत्यक्ष रूप से रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ इस्रायल को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसी बीच, कर्नल खोदयारी की हत्या करके ईरान के दुश्‍मनों ने रेड लाईन लांघ दी है। इस एक हत्या की वजह से पूरा गणित बदल गया है और हमलावरों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी, ऐसा इशारा ईरान के माध्यम दे रहे हैं।

रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ से संबंधित माध्यम इस हमले के लिए खुलेआम मोसाद को ज़िम्मेदार बता रहे हैं। खोदयारी ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के कुदस्‌ फोर्सस के वरिष्ठ अधिकारी थे। साल २०२० में अमरीका ने इराक में किए ड्रोन हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी के विश्‍वस्त और दाहिने हाथ के तौर पर खोदयारी की पहचान थी। इस वजह से खोदयारी की हत्या कुदस्‌ फोर्सस की गतिविधियों को नुकसान पहुँचानेवाली साबित होती है।

बीते कुछ दिनों से सायप्रस, तुर्की एवं पश्‍चिमी देशों में स्थित ज्यू धर्मी और इस्रायली नागरिकों का अपहरण करके उनकी हत्याएं करने की साज़िश सामने आ रही है। सायप्रस और तुर्की में कुछ हमलावरों को हिरासत में भी लिया गया था। इस साज़िश के सूत्रधारों पर कार्रवाई करने का ऐलान भी इस्रायल ने किया था। इस साज़िश का खोदयारी से संबंध होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

पिछले कुछ हफ्तों से ईरान की सड़कों पर रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के अधिकारी की हत्या होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले ईरान में परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिक और अधिकारी की दिन दहाड़े हत्या हुई थी। साल २०१० से अब तक ऐसे छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की ईरान में हत्या हुई है। साल २०२० में मोहसिन फखरीज़ादेह नामक सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिक की हत्या हुई थी। फखरीज़ादेह की हत्या के लिए एक टन भार की रिमोट कंट्रोल गन का इस्तेमाल किया गया, यह आरोप भी ईरान ने लगाया था।

इन सभी हमलों के लिए ईरान ने इस्रायल और अमरीका को ज़िम्मेदार बताया था। इस्रायल ने अब तक उनके खिलाफ लगाए आरोपों पर बयान नहीं किया है। इसी बीच, कर्नल खोदयारी की हत्या के बाद ईरान ने मोसाद के एजेंटस्‌ का बड़ा जाल तबाह करने का दावा किया है। लेकिन, ईरान के माध्यमों में इस खबर पर संभ्रम होने की बात सामने आ रही है। 

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