राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से आदेश मिलने पर ईरान पर कार्रवाई करेंगे – अमरीका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख

वॉशिंग्टन – ‘ईरान परमाणु बम निर्माण के करीब पहुँचा है। ईरान के पास कम समय में परमाणु बम का निर्माण करने की क्षमता होकर, अगर राजनीतिक स्तर पर चर्चा असफल साबित हुई, तो ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध होने से रोकने के लिए अमरीका के पास अन्य भी विकल्प हैं। लेकिन उसके लिए बायडेन प्रशासन के आदेशों की आवश्यकता है’, ऐसी घोषणा अमरीका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनिथ मॅक्केन्झी ने की। अमरीका ने नियुक्त किए ईरान विषयक विशेष दूत रॉब मॅली ने, ईरान पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए।

president-biden-orders-iran-action-2न्यूक्लियर प्लांट्स की निगरानी के संदर्भ में ईरान के साथ चल रही चर्चा असफल साबित हुई, ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कुछ घंटे पहले घोषित किया। ईरान और परमाणु ऊर्जा आयोग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा संपन्न हुई। लेकिन ईरान के साथ एकमत ना होने के कारण यह चर्चा अनिर्णित रही, ऐसा बताकर ग्रॉसी ने उस पर नाराज़गी का सूर अलापा था। अमरीका के विदेश विभाग ने उसकी दखल लेकर ईरान की आलोचना की। लेकिन इसके बावजूद भी, सोमवार से वियना में शुरू होनेवाली चर्चा में अमरीका सहभागी होगी, ऐसा अमरीका के विदेश विभाग ने स्पष्ट किया था।

लेकिन अमरीका की ‘सेंटल कमांड-सेंटकॉम’ के प्रमुख ने इस बारे में अलग ही भूमिका प्रस्तुत की। ‘राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की राय में, ईरान परमाणु-अस्त्र-सिद्ध नहीं होगा। इसके लिए राजनीतिक स्तर पर कोशिशें जारी हैं। लेकिन सेंट्रल कमांड के पास हमेशा ही विभिन्न योजनाएँ तैयार रहती हैं। अगर हमें आदेश मिलें, तो यक़ीनन ही हम उनपर अमल कर सकते हैं’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में सेंटकॉम के प्रमुख जनरल मॅक्केन्झी ने लष्करी कार्रवाई की चेतावनी दी। वहीं, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बात करते समय जनरल मॅक्केन्झी ने चिंता ज़ाहिर की।

president-biden-orders-iran-action-1‘ईरान परमाणु बम निर्माण के बहुत ही करीब पहुँचा है। ऐसा होने के बावजूद भी ईरान ने प्रत्यक्ष परमाणु बम बनाने का फैसला नहीं किया है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो कम समय में भी परमाणु बम बनाने की तैयारी ईरान ने की है’, ऐसा कहते हुए, ईरान के न्यूक्लियर प्लांट में प्रगत तंत्रज्ञान होने के संकेत मॅक्केन्झी ने दिए। सेंटकॉम के प्रमुख हालाँकि ईरान को लष्करी कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं, फिर भी बायडेन प्रशासन के नेता और अधिकारी अभी भी ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने का विरोध कर रहे हैं।

बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ चल रही चर्चा के लिए नियुक्त किए विशेष दूत रॉब मॅली ने, अमरिकी न्यूज़ चैनल के साथ बात करते समय, अन्य विकल्पों में प्रतिबंधों का ज़िक्र किया। ईरान ने अगर परमाणु समझौते से संबंधित चर्चा से किनारा किया, तो कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जायेंगे, ऐसी चेतावनी उन्होंने दी। कुछ दिन पहले अमरीका के विदेश मंत्रालय ने भी, अगर परमाणु चर्चा नाकाम हुई, तो ईरान पर कार्रवाई करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा, ऐसा कहा था। लेकिन लष्करी कार्रवाई का उसमें समावेश नहीं होगा, यह स्पष्ट किया था।

सोमवार से वियना में ईरान के साथ परमाणु समझौते से संबंधित चर्चा शुरू हो रही है। सन २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए बायडेन प्रशासन तैयार है। लेकिन अगर अमरीका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया भी, तो भी इस्रायल के लिए वह बंधनकारक नहीं होगा, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने घोषित किया। ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर कार्रवाई करने की घोषणा इस्रायल ने की है।

चीन ईरान का साथ देगा – चीन के विदेश मंत्री वँग ई

बीजिंग – ‘देशान्तर्गत व्यवहारों में हस्तक्षेप और एकतरफ़ा कार्रवाई रोकने के लिए चीन ईरान का साथ देगा। अन्तर्राष्ट्रीय कानून और निःपक्षपातीपन की सुरक्षा के लिए यह चीन-ईरान सहयोग अहम साबित होगा’, ऐसी घोषणा चीन के विदेशमंत्री वँग ई ने की।

चीन और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच वर्चुअल चर्चा संपन्न हुई। इसमें चीन के विदेश मंत्री ने ईरान की स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता इसका अन्य देश आदर करें, ऐसा कहा। उसी के साथ, अमरीका ने ईरान पर लगाये प्रतिबंध पूरी तरह हटाए जाएँ, ऐसा आवाहन विदेश मंत्री वँग ई ने किया। ईरान ने अपने अधिकारों के संदर्भ में की मांगे वैध होकर, वियना में चल रही चर्चा में उनपर गंभीरता से सोचा जायें, ऐसी माँग चीन के विदेश मंत्री ने की है।

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