ईरान आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक देश – अमेरिकी रपट की चेतावनी

वॉशिंग्टन – दुनियाभर के आतंकवादी और अन्य अवैध गतिविधियों का समर्थन कर रहा ईरान एक आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक देश हैं, ऐसा आरोप अमेरिका की नई सालाना रपट में लगाया गया है। खाड़ी के साथ ही यूरोप, एशिया, अफ्रीका और अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हुई आतंकवादी संगठनों को ईरान सहायता मुहैया कर रहा हैं, ऐसा आरोप अमेरिका ने लगाया है। ईड़ान के साथ वर्ष २०१५ में किया गया परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए बायडेन प्रशासन चर्चा कर रहा था। लेकिन, इस दौरान भी ईरान ने आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देना जारी रखा था, इस ओर भी वर्णित रपट ने ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से वर्णित रपट के ज़रिये आतंकवादियों के समर्थन में खड़े हो रहे ईरान को अमेरिका चेतावनी देती दिख रही हैं।

ईरान आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक देश - अमेरिकी रपट की चेतावनीअमेरिका के विदेश मंत्रालय की सालाना ‘टेररिझम रिपोर्ट’ गुरुवार को जारी की गई। वर्ष २०२२ में हुई आतंकवादी घटनाओं का ज़िक्र करके इस रपट में संबंधित संगठन और उनके समर्थन में खड़े देशों को लक्ष्य किया गया है। ईरान का रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ एक आतंकी संगठन होने का आरोप लगाकर इस रपट के ज़रिये अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ईड़ान के शीर्ष सैन्य गुट से संबंधित आर्थिक संगठन पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है। ईरान आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक देश होने का बयान इस रपट की शुरू में किया गया है।

खाड़ी क्षेत्र में ईरान की शुरू आतंकवादी गतिविधियां इराक, सीरिया, लेबनान, येमन और बहरीन में अस्थिरता फैला रही हैं, ऐसा आरोप इस रपट में लगाया गया है। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ इन देशों में इन आतंकवादी संगठनों को खाड़ी क्षेत्र में ईरान के शत्रु देशों के विरोध में इस्तेमाल कर रहा हैं, ऐसी आलोचना इस रपट में की गई है। इसमें हिजबुल्लाह, हौथी, अल-अश्तार ब्रिगेड जैसी ईरान से जुड़ी संगठनों का ज़िक्र किया गया है। ईरान से जुड़ी इन आतंकवादी संगठनों का खतरा अब खाड़ी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में भी बढ़ने की चिंता इसमें जताई गई है।

ईरान के इशारों पर नाच रही यह आतंकवादी संगठन इरा, सीरिया में तैनात अमेरिकी सेना को लक्ष्य कर रहा हैं। लेकिन, साथ ही यह आतंकी संगठन अब अमेरिकी की सीमा तक पहुंची होने का दावा इस रपट में किया गया है। ईरान के कुदस्‌ फोर्सेस के मेजर जनरल कासेम सुलेमानी की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए ईरान के आतंकवादी अमेरिका तक पहुंचे हैं। ईरान आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक देश - अमेरिकी रपट की चेतावनीअमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को ईरान ने अपने ‘हिटलिस्ट’ पर रखा हैं। इस वजह से पिछले साल अमेरिका को अपने नेताओं की सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी, इसका ज़िक्र भी वर्णित रपट में किया गया है।

पिछले साल बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ वर्ष २०१५ का किया परमाणु समझौता फिर से पुनर्जीवित करने की गतिविधियों को गतिमान किया था। अमेरिका की इन कोशिशों को कामयाबी मिलने की खबरें सामने आयी थी। बायडेन प्रशासन इसके लिए ईरान की मांगे स्वीकारने के लिए तैयार होने के दावे भी किए जा रहे थे। ऐसा होते हुए भी ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की गति बनाई रखी थी, इसपर वर्णित रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है। साथ ही ईरान से जुड़े आतंकवादियों ने अमेरिका को लक्ष्य करना जारी रखा था, इसका संज्ञान भी इस रपट में लिया गया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की यह रपट ईरान ने ठुकराई है। किसी भी पुख्ता सबूत के बिना अमेरिका बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है।

इसी बीच, इस्रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू हुआ है। इस्रायल विरोधी इस संघर्ष में ईरान हमास की सहायता के लिए आगे ना बढ़े, इस मंशा से अमेरिका ने पर्शियन खाड़ी में तैनाती बढ़ाई है। ऐसी स्थिति में अमेरिका ने ईरान को आतंकवाद का प्रायोजक देश साबित करने वाली रपट जारी करना ईरान के लिए चेतावनी बनती है।

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