ईरान की मुद्रा रियाल की विक्रमी गिरावट

तेहरान – यूरोपिय महासंघ की संसद ने ईरान के ‘रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍’ को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने की तैयारी की है। इसके प्रत्युत्तर में ईरान की संसद भी यूरोपिय देशों की सेना को आतंकवादी घोषित करेगी, यह जानकारी ईरानी संसद के सभापति ने प्रदान की है। अपनी हुकूमत के खिलाफ जारी अंदरुनि प्रदर्शन और पश्चिमी देशों से संघर्ष का भयंकर प्रभाव ईरान की अर्थव्यवस्था पर पड रहा है। ईरान की मुद्रा रियाल का मूल्य बड़ी गिरावट के साथ प्रति डॉलर ४,५०,००० हुआ है। रियाल की यह गिरावट पहले से ईरान में उछलती हुई महंगाई को फिर से बढ़ाएगी और इससे जनता का असंतोष भी बड़ी मात्रा में बढ़ सकता है।

अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद करने से इन्कार करने वाले ईरान पर अमरीका और पश्चिमी देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान अपने परमाणु समझौते पर समझौता करने के लिए तैयार न होने से यह पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए यह प्रतिबंध हटाने की संभावना खत्म हो चुकी है। साथ ही ईरान में जारी प्रदर्शनों की वजह से स्थिति अधिक बिगड़ी है। ईरान की सुरक्षा यंत्रणा प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है और मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है, ऐसा आरोप अमरीका और यूरोपिय देश लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को फांसी की सज़ा सुनाकर ईरान ने पश्चिमी देशों की चेतावनियों को हम अहमियत नहीं देते, यह दर्शाया था। इसके अलावा ईरान समेत ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता वाले अपने ही पूर्व उप-रक्षा मंत्री अलीरेज़ा को भी ईरान ने फांसी पर चढ़ाया था।

अलीरेज़ा अकबरी ब्रिटेन के लिए जासूसी कर रहे थे और वे ईरान के परमाणु वैज्ञानिक फखरीज़ादेह की हत्या करने की साज़िश का हिस्सा थे, ऐसा आरोप लगाकर ईरान ने उन्हें यह सज़ा सुनाई थी। इस पर ब्रिटेन की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आ रही है और ईरान के ‘रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍’ को आतंकी घोषित करने की तैयारी ब्रिटेन ने की है। यूरोपिय महासंघ की संसद में भी ‘रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍’ को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने की तैयारी शुरू हुई है। यूरोपिय देशों की सेना को आतंकवादी घोषित करके ईरान इस पर प्रत्युत्तर देगा, ऐसे दावे ईरान की संसद के सभापति मोहम्मद बाकेर कालिबाफ ने किया। ईरान इस तरह से यूरोपिय देशों को मुंहतोड़ जवाब देकर अपना वर्चस्व साबित कर रहा है और ऐसे में आर्थिक स्तर पर इस देश का काफी बड़ा नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है।

ईंधन समृद्ध ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से इस ईंधन का निर्यात करके अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं सकता। इसका ईरान की अर्थव्यवस्था पर काफी बड़ा भार पडा है। ईरान की अर्थव्यवस्था विश्व से अलग हो गई है और कुछ चुनिंदा देशों के साथ व्यापार के आधार पर ईरान की अर्थव्यवस्था टिक नहीं सकती, यही रियाल की विक्रमी गिरावट के साथ फिर से साबित हुआ है। रविवार को खुले वित्तीय बाज़ार में ईरान के रियाल का दर प्रतिडॉलर साढे चार लाख हुआ। इससे पहले रियाल का दर एक डॉलर के लिए ४.४० लाख तक फिसलने के बाद ईरान ने अपनी सेंट्रल बैंक के गवर्नर अली सालेहबादी को हटाया था। लेकिन, उनके पद पर नियुक्त गवर्नर मोहम्मद रेज़ा फरज़िन भी रियाल की गिरावट रोकने में असफल साबित हुए हैं।

लेकिन, फरज़िन ने रियाल की गिरावट के लिए ईरानी अर्थव्यवस्था का खराब प्रदर्शन ज़िम्मेदार ना होने का बयान करके ईरान की जनता पर हो रहे मानसिक दबाव डालने के प्रयोग और गिरफ्तारी इस गिरावट का कारण होने का दावा किया है। ईरान की सेंट्रल बैंक के गवर्नर का यह दावा जनता स्वीकार नहीं करेगी, ऐसा चित्र फिलहाल दिख रहा है। क्योंकि, रियाल की गिरावट की वजह से ईरान में महंगाई अधिक बढेगी और इससे जनता के मन में हुकूमत के खिलाफ गुस्सा अधिक बढ़ने की बड़ी संभावना है।

ईरान में हिज़ाब सख्ति विरोधी प्रदर्शनों का दायरा काफी बढ़ा है और महंगाई एवं बेरोजगारी से परेशान ईरान की जनता और व्यापारी भी इन प्रदर्शनों में उतरने की बात स्पष्ट हुई थी। ऐसी स्थिति में ईरान की हुकूमत के समक्ष आर्थिक स्तर की चुनौतियों के बड़े राजनीतिक और सामाजिक परिणाम ईरान में देखे जा सकते हैं। एक ही समय पर इन चुनौतियों का मुकाबला करना ईरान की हुकूमत के लिए अधिकाधिक मुश्किल हो रहा है।

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