ईरान में सरकारविरोधी प्रदर्शनों में ५० की मौत – ईरानी राष्ट्राध्यक्ष ने दिया प्रदर्शनकारियों पर निर्णायक कार्रवाई करने का इशारा

तेहरान – ईरान में पिछले आठ दिनों से हिजाब के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में कम से कम ५० लोग मारे गए हैं। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने ८० से अधिक शहरों में कार्रवाई करके ७३९ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और इसमें महिलाओं का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। इन प्रदर्शनों के माध्यम से ईरान की सुरक्षा और सौहार्दता को नुकसान पहुँचा रहे प्रदर्शनकारियों पर निर्णायक कार्रवाई होगी, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष इब्र्राहिम रईसी ने दिया। सख्त कार्रवाई के बावजूद इन प्रदर्शनों को ईरान और बाहरी देशों में भी भारी समर्थन प्रप्तत हो रहा है और इससे ईरान की हुकूमत की चुनौती तीव्र होती दिख रही है।

ईरानी राष्ट्राध्यक्षसाल १९७९ में ईरान में आई क्रांति के लिए हुए जन प्रदर्शनों के बाद इस देश में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में यह पहला प्रदर्शन होने का दावा किया जा रहा है। पिछले हफ्ते २२ वर्ष की माहसा अमिनी नामक कुर्द महीला की ईरानी सुरक्षा यंत्रणा की कैद में मौत होने के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए। माहसा अमिनी ने ईरान में हिजाब पहनने की सख्ती के खिलाफ आवाज़ उठायी थी।

इससे पहले भी ईरान की युवतियों और महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के कार्यकाल में भी हिजाब सख्ती के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। लेकिन, माहसा की मौत के कुछ ही घंटों बाद राजधानी तेहरान समेत विन्नि प्रांत में हुए प्रदर्शन विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ईरान की युवतियाँ द्वारा हिजाब जलाते हुए और बाल काटते हुए दिखाए जा रहे वीडियोज्‌‍ का बड़ी प्रसिद्धी मिली।

ईरानी राष्ट्राध्यक्षमात्र कुछ ही हफ्तों में ईरान के ८० अहम शहरों में यह प्रदर्शन शुरू हुए और रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ के सैनिक प्रदर्शनकारियों से मारपीट कर रहे हैं, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं। मशाद, शिराज, तबरिज़, कराज़ और कुशान शहरों में प्रदर्शनकारी और ईरानी सैनिकों की मुठभेड़ भी हुई। इस दौरान कम से कम पांच सैनिक मारे गए और रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ इन मारे गए सैनिकों की संख्या छुपा रहे हैं, इस संभावना से भी इन्कार करना मुमकिन नहीं।

पिछले कई सालों से ईरान के सर्वाधिकार पानेवाले सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ ईरान की जनता में असंतोष बना था। माहसा की मौत से इस असंतोष को बाहर आने के लिए अवसर मिला, ऐसा विश्लेषकों का कहना हैं। इन प्रदर्शनों की वजह से ईरान में फिर से आयातुल्ला खामेनी के पोस्टर्स जलाने का सिलसिला शुरू हुआ है।

ईरान के धार्मिक और हुकूमत के प्रभाव वाले शहर के तौर पर जाने जा रहे कोम और इसफाहन में भी खामेनी के पोस्टर्स जलाने की घटनाएँ हुईं। इसके साथ ही अमरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ के वरिष्ठ कमांडर और सेना के हिरो माने जा रहे कासेम सुलेमानी के पोर्स्टर्स भी फाड़े जाने की घटनाएँ हुई हैं, इस पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस वजह से ईरान में खामेनी हुकूमत के खिलाफ निर्माण असंतोष चरम स्तर पर पहुँचने का दावा किया जा रहा है।

इराक के कुर्द क्षेत्र पर ईरान के जोरदार हमले 

तेहरान – ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने शनिवार को इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र पर तोपों से हमले किए। यहां के ईरान विरोधी आतंकियों पर यह कार्रवाई करने की बात कहकर ईरान ने इस कार्रवाई का समर्थन किया। इसी बीच माहसा अमिनी नामक कुर्द महिला की हत्या के बाद देश में प्रदर्शनों को इराक के कुर्दिस्तान से समर्थन प्राप्त होने का आरोप ईरान लगा रहा है। इस वजह से यह कार्रवाई की गई, ऐसा ईरान का कहना है।

ईरानी राष्ट्राध्यक्षईरान सरकार से जुड़े समाचार चैनल ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने शनिवार रात इराक के कुर्दिस्तान प्रांत पर जोरदार हमले किए। ईरान के पश्चिमी अज़रबैजान प्रांत से आग बरसनेवाली तोप ने कुर्दिस्तान प्रांत में स्थित ईरान विरोधी आतंकियों के मुख्यालय को लक्ष्य किया। इस आतंकी संगठन के कुछ सदस्यों को ईरान की गुप्तचर यंत्रणा ने गिरफ्तार करने की जानकारी ईरानी समाचार चैनल ने साझा की। लेकिन, ईरान ने इस कार्रवाई पर अधिक बयान करना टाल दिया।

अपने देश में प्रदर्शनों को विदेश से सहायता मिलने का आरोप ईरान के माध्यम लगा रहे हैं। इराक के कुर्दिस्तान प्रांत के ईरानविरोधी आतंकी संगठन की सहायता से यह प्रदर्शन छेडे जा रहे हैं, ऐसी आलोचना ईरानी माध्मयों ने की थी। ईरान ने सीधे ज़िक्र किया ना हो, फिर भी अमरीका को लक्ष्य करता दिख रहा है। कुछ घंटे पहले ही अमरीका ने ईरान पर लगाए इंटरनेट के प्रतिबंध हटाकर प्रदर्शनकारियों को सरकारविरोधी प्रदर्शनों को पूरे विश्व में पहुँचाने का आवाहन किया था।

 

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