ईरान में राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी – सुधारवादी नेता, फिल्म निर्माता गिरफ्तार

तेहरान – सर्वोच्च धार्मिक नेता आयोतुल्ला खामेनी के खिलाफ बयान करनेवालों को ईरान ने गिरफ्तार करना शुरू किया है। ईरान में सुधारवादी गुट के नेता मोस्तफा ताजझादेह एवं दो फिल्म निर्माताओं को रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने हिरासत में लिया है। ताजझादेह और उनके समर्थक देश की सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने लगाया है। इसी बीच परमाणु समझौते पर अमरीका के साथ चर्चा नाकाम होने के लिए सर्वोच्च धर्मगुरू खामेनी ज़िम्मेदार होने का आरोप ताजझादेह ने लगाया है।

अमरीका और ईरान के बीच दोहा में चल रही बातचीत असफल हुई है। इसके लिए दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप-प्रतिआरोप लगा रहे हैं। बायडेन प्रशासन ने भविष्य में यह बातचीत आगे बढ़ने को लेकर मित्र संकेत दिए थे। इसी दौरान ईरान ने अमरीका के साथ आगे परमाणु समझौते पर बातचीत नामुमकिन होने का दावा किया था। इस वजह से आनेवाले समय में पश्‍चिमी देश हमारे देश को घेरेंगे, ऐसी चिंता व्यक्त करके ईरान में कुछ लोगों ने अमरीका के साथ चर्चा असफल होने के लिए खामेनी को ज़िम्मेदार बताया है।

ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मोहम्मद खातामी की सरकार में रक्षा उप-मंत्री रहे मोस्तफा ताजझादेह ने इस असफलता के लिए सर्वोच्च नेता खामेनी को ज़िम्मेदार बताया। ‘देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब है और देश सामाजिक असंतोष का सामना कर रहा है। ऐसे समय में परमाणु समझौता फिर से करने में मिली असफलता के कारण विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी देश के सर्वोच्च नेता की है’, ऐसी तीखी आलोचना ताजझादेह ने की।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के हाथों में देश के सभी अधिकार हैं। उनके हाथों में इन असीम अधिकारों के कारण खामेनी की आलोचना करना आसान नहीं है। ईरान में फिलहाल महंगाई उछाल पर है और बेरोजगारी की समस्या भी भयानक हुई है। इसी बीच पानी की किल्लत ईरान के कुछ हिस्सों में परेशानी बनी हुई है। ऐसी स्थिति में भी सर्वाधिकार हाथ में रखनेवाले धर्मगुरू खामेनी की सीधे आलोचना करने का साहस कोई नहीं दिखाता। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोग ईरान की सरकार और यंत्रणाओं पर इस नाकामयाबी का ठिकरा फोड़ रहे हैं। लेकिन, ताजझादेह ने सोशल मीडिया पर खुलेआम सर्वोच्च नेता पर आरोप लगाए हैं।

इसके बाद रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने ताजझादेह, मोहम्मद रसौलोफ और मोस्ताफा जैसे फिल्म निर्माताओं को भी गिरफ्तार किया। ईरान की सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप लगाकर इन सब के विरोध में यह कार्रवाई की गई। रसौलोफ और अहमद ने रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ पर आरोप लगाए थे। ईरान की सुरक्षा यंत्रणा अपनी ही जनता के विरोध में कार्रवाई कर रही है, यह आरोप रसौलोफ और अहमद ने लगाया था।

इसी बीच, पिछले साल भी ईरान में प्रदर्शन हुए थे। ईरान की राजधानी तेहरान समेत २० से अधिक शहरों में इन प्रदर्शनों की आग फैली थी। इन प्रदर्शनों में ईरान छात्र, शिक्षक, कामगार एवं व्यापारी वर्ग भी उतरा था।

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