परमाणु समझौते के लिए ईरान की सशर्त तैयारी – ईरान के राजनीतिक अधिकारी का दावा

दुबई – प्रतिबंध शिथिल होने की गारंटी मिलती है, तो पश्चिमी देशों के साथ परमाणु समझौता होगा, ऐसी शर्त ईरान ने रखी है। चार दिन पहलें यूरोपिय महासंघ ने ईरान को स्पष्ट शब्दों में इशारा दिया था। साल २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए ईरान को आखरी प्रस्ताव दिया है। ईरान इसपर शीघ्र निर्णय घोषित करें, ऐसी चेतावनी ही युरोपीय महासंघ ने दी थी। इसपर ईरान का यह बयान प्राप्त हुआ है।

पिछले हफ्ते वियना में ईरान और अमरीका की परमाणु समझौते पर बातचीत हुई। युरोपीय महासंघ ने इसके लिए मध्यस्थता की थी। युरोपीय महासंघ के वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी जोसेफ बोरेल ने इस बैठक के बाद अमरीका और ईरान के सामने परमाणु समझौते का प्रस्ताव रखा था। यह आखरी प्रस्ताव है और ईरान एवं अमरीका तुरंत इसपर अपना निर्णय करें, ऐसें स्पष्ट शब्दों में बोरेल ने दोनों देशों को चेतावनी दी थी। साथ ही इस आखरी प्रस्ताव के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, यह बोरेल ने स्पष्ट किया था।

इस प्रस्ताव का अध्ययन जारी है और जल्द ही इसपर अपना निर्णय और माँगे सूचित की जाएंगी, ऐसा प्राथमिक बयान ईरान ने किया था। लेकिन, शुक्रवार को ईरानी वृत्तसंस्था ‘आईआरएनए’ ने वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी के दाखिले से इस प्रस्ताव पर ईरान की भूमिका स्पष्ट की। महासंघ ने परमाणु समझौते का दिया आखरी प्रस्ताव स्वीकारने के लिए ईरान तैयार है। लेकिन, उससे पहले अमरीका और युरोपीय महासंघ ईरान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करने के साथ ही इससे जुड़ी सुरक्षा की गारंटी दें, यह माँग ईरान ने रखी है।

अमरीका और ईरान के बीच प्रतिबंधों के मुद्दे पर हो रही बातचीत पहले ही काफी लंबी चली थी। अमरीका का बायडेन प्रशासन साल २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए उत्सुकता दिखा रहा था। लेकिन, ईरान अभी भी रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकियों की सूचि से हटाने की माँग पर अड़ियल था। अब भी ईरान अपनी इस माँग पर कायम है। युरोपीय महासंघ ने रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ पर लगाए प्रतिबंध हटाने की तैयारी दिखाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लेकिन, ईरान की इस माँग का स्वीकार करना बायडेन प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है, ऐसा दावा युरोप के विश्लेषक कर रहे हैं।

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