ईरान और सऊदी अरब खाड़ी देशों के नौसेना मोरचे का गठन करेंगे – ईरान के नौसेना अधिकारी की घोषणा

तेहरान/दोहा – ‘अपने सागरी क्षेत्र की सुरक्षा, खाड़ी क्षेत्र के देशों के आपसी सहयोग पर ही निर्भर है, यह इस क्षेत्र के देश जान चुके हैं। इसी के लिए ईरान, सऊदी अरब और अन्य तीन खाड़ी देश एक साथ आकर नौसेना मोरचे का गठन करने वाले हैं’, ऐसी घोषणा ईरान के वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने की। कुछ घंटे पहले युएई ने, अमरीका के खाड़ी क्षेत्र में चल रहे सागरी सहयोग से किनारा किया होने का ऐलान किया था। उसके बाद ईरान की यह घोषणा अमरीका तथा युरोपीय देशों को हिलाने वाली साबित हुई है।

मार्च महीने में चीन की मध्यस्थता से ईरान और सऊदी अरब के बीच सहयोग स्थापित हुआ। पिछले कई सालों के मतभेद बाजू में रखकर इन दोनों देशों ने आपसी संबंध बढ़ाने पर सहमति ज़ाहिर की। सऊदी के बाद युएई तथा खाड़ी के अन्य अरब देशों ने भी ईरान के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए कदम उठाए हैं। खाड़ी देशों से मिलने वाले इस सहयोग की पृष्ठभूमि पर, ईरान ने अमरीका तथा युरोपीय मित्र देशों को, खाड़ी क्षेत्र से सेना वापसी करने की चेतावनी दी थी।

पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा के लिए ईरान तथा पड़ोसी खाड़ी देश सक्षम है, यह बताकर ईरान ने अमरीका और ब्रिटेन की नौसेनाओं को इस सागरी क्षेत्र से निकल जाने की चेतावनी दी थी। उसके बाद ईरान खाड़ी देशों की सहायता से स्वतंत्र लष्करी मोरचे का गठन करने वाला है, ऐसी खबरें आई थी। वहीं, चीन के नेतृत्व में ईरान, सऊदी, युएई तथा ओमान एकत्रित आकर नौसेना मोरचे का गठन कर रहे होने का दावा कतारी न्यूज़ एजेंसी ने किया। इसके लिए चीन ने ईरान, सऊदी तथा युएई के साथ चर्चा शुरू की है, ऐसा इस न्यूज़ एजेंसी ने कहा था।

वहीं, शनिवार को ईरान की न्यूज़ एजेंसी ने नौसेना कमांडर शाहराम इरानी का हवाला देकर, इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए ईरान तथा खाड़ी देश नौसेना मोरचे का गठन कर रहे होने का ऐलान किया। इनमें ईरान और सऊदी अरब समेत युएई, बाहरिन, कतार और इराक इन खाड़ी देशों का समावेश होने की जानकारी कमांडर इरानी ने दी। पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र के देशों को ही एकत्रित आना पड़ेगा, इसका एहसास इन देशों को हुआ है, ऐसा इरानी ने कहा। वहीं, भारत और पाकिस्तान भी इस नौसेना मोरचे में सहभागी होंगे, ऐसा दावा ईरान के इस वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने किया।

कुछ ही घंटे पहले युएई ने, खाड़ी क्षेत्र में अमरीका के नौसेना मोरचे से किनारा किया होने की जानकारी सार्वजनिक की थी। पिछले कुछ सालों से इस नौसेना मोरचे का भाग होने वाले युएई ने अपने इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया था। लेकिन युएई अपने सहयोगी देशों के साथ प्रभावी सागरी सहयोग पर पुनर्विचार कर रहा होने की घोषणा युएई के विदेश मंत्रालय ने की थी। इसलिए, युएई ईरान के साथ नौसेना मोरचा स्थापित करने की ख़बरों की पुष्टि हुई थी। वहीं, युएई के बाद सऊदी ने भी अमरीका के इस नौसेना मोरचे से किनारा किया होने की जानकारी ईरान की न्यूज़ एजेंसिया दे रही हैं। सऊदी ने इसकी घोषणा नहीं की है।

लेकिन कुछ घंटे पहले युएई ने की हुई, अमरीका के नौसेना मोरचे से बाहर निकलने की घोषणा और उसके बाद ईरान ने स्वतंत्र नौसेना मोरचे के संदर्भ में दी जानकारी, अमरीका समेत युरोपीय देशों को भी बेचैन बनाने वाली साबित हो सकती है।

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