आज का ईरान शत्रु के सामने शर्तें रखने की क्षमता रखता है – ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स के प्रमुख

तेहरान – ‘पहले शत्रु देश ईरान के सामने शर्त रखते थे। लेकिन, आज का ईरान शत्रु के सामने अपनी शर्तें रखने की और इन्हें मंजूर करवाने की क्षमता रखता है’, यह दावा ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स के प्रमुख जनरल हुसेन सलामी ने किया है। अमरीका के साथ जारी परमाणु समझौते की चर्चा को लेकर जनरल सलामी ने सूचक बयान किया होने की बात दिख रही है। ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंध अमरीका हटाए और ट्रम्प प्रसासन की गलतियाँ दोहराए नहीं, इसकी गारंटी दे, यह माँग ईरान ने अमरीका से की है।

शर्तेंईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स से संबंधित ‘बासिज’ लष्करी दल को संबोधित करते समय जनरल सलामी ने ईरान की क्षमता में बढ़ोतरी होने का दावा किया। ‘इससे पहले शत्रु देशों ने अलग अलग रास्तों से ईरान पर दबाव डालने की कोशिश की, ईरान को अपनी शर्तों के नीचे कुचलने की कोशिश की। लेकिन, इस स्थिति में भी ईरान ने जीत हासिल की, शत्रु के दबाव के नीचे ईरान झुका नहीं’, ऐसा सलामी ने कहा। ‘अब तो ईरान शत्रु के सामने अपनी शर्तें रख सकता है और इसे मंजूर भी करवा सकता है’, ऐसा सलामी ने कहा।

शर्तेंइसके साथ ही ईरान के हाथों में अब अतिप्रगत और पर्याप्त मात्रा में मिसाइल होने का दावा रिवोल्युशनरी गार्ड्स के प्रमुख ने किया। इस वजह से पहले ईरान ने अपने लष्करी सामार्थ्य के बारे में किए दावे खोखले नहीं थे, इसकी याद भी जनरल सलामी ने कराई। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के दूरदर्शी नेतृत्व की वजह से ईरान आज हथियारों से सज्जित है और उनके आदेशों के बाद ही इन मिसाइलों का इस्तेमाल किया जाएगा, यह इशारा जनरल सलामी ने दिया।

शर्तें

रिवोल्युशनरी गार्ड्स के प्रमुख ने इस स्थान पर अमरीका का सीधा ज़िक्र करना टाल दिया। लेकिन, बीते महीने से ईरान के साथ किया परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए अमरीका की कोशिशों की ओर जनरल सलामी ने ध्यान आकर्षित किया हुआ दिख रहा है। कुछ दिन पहले अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने ईरान को परमाणु समझौते की बातचीत में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। स्वयं कुछ भी किए बगैर अमरीका परमाणु समझौते में शामिल होगी, इस समझ में ईरान हो तो यह गलत है, ऐसा बयान अमरीका के विदेश मंत्रालय ने किया था। इस पर ईरान के साथ परमाणु समझौता करने को लेकर अमरीका वास्तव में गंभीर है तो पहले ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध अमरीका हटाए और वर्ष २०१५ में किए परमाणु समझौते का पालन करे, ऐसी भूमिका ईरान ने अपनाई। साथ ही ईरान पर प्रतिबंध लगानेवाले ट्रम्प प्रशासन की गलतियाँ बायडेन प्रशासन दोहराएगा नहीं, इसकी गारंटी दे, यह माँग ईरान कर रहा है।

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