ईरान ने और एक ईंधन टैंकर जब्त किया – रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ का ऐलान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान: पर्शियन खाड़ी से यात्रा करनेवाले और एक विदेशी ईंधन टैंकर कब्जे में लेने की घोषणा ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस् (आयआरजीसी) ने की है| यह टैंकर अरब देशों के लिये ईंधन की तस्करी कर रहा था| इसलिए यह कार्रवाई करने की बात आयआरजीसी ने स्पष्ट की है| कुछ हफ्तों पहले ईरान ने ब्रिटेन का ईंधन टैंकर कब्जे में लेने की वजह से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ है|

ईरान की नौसेना का नेतृत्व करनेवाले आयआरजीसी ने बुधवार को ३१ जुलाई के रोज यह कार्रवाई की है| ४ दिन कार्रवाई की जानकारी गोपनीय रखने के बाद रविवार के सुबह आयआरजीसी से ईंधन तस्करी करनेवाले विदेशी ऑयल टैंकर कब्जे में लेने की घोषणा की गई है| पर कब्जे में किए गए विदेशी जहाज का नाम और जानकारी घोषित नहीं की गई है| जिसकी वजह से यह ऑयल टैंकर में ७ लाख लीटर ईंधन होकर इस जहाज पर मौजूद ७ कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की बात आयआरजीसी के कमांडर रामेझान झीराही ने दी है|

इस ऑयल टैंकर से कौनसे अरब देश को ईंधन की तस्करी हो रही थी, इसकी जानकारी आयआरजीसी ने छुपाई है| आयआरजीसी ने इस टैंकर को कब्जे में लेने के बाद इसे बुशहर बंदरगाह में रखा है| इस बंदरगाह पर ‘नैशनल ऑयल प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन’ ने ईरान के सरकारी कंपनी के भंडार में इस जहाज का ईंधन जमा किया| ईरान के नियमों की चौखट में यह कार्रवाई करने की बात कमांडर झीराही ने कही है|

पर अंतरराष्ट्रीय सागरी क्षेत्र में विदेशी ऑयल टैंकर जब्त करके उस में रखा गया ईंधन का भंडार कब्जे में लेने का प्रकार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होने की आलोचना खाड़ी क्षेत्र के माध्यम कर रहे हैं| पिछले महीने में ईरान ने अंतरराष्ट्रीय सागरी क्षेत्र में विदेशी ऑयल टैंकर पर की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है| इससे पहले १८ जुलाई के रोज ईरान के आयआरजीसी ने पर्शियन खाड़ी से यात्रा करनेवाले ब्रिटेन का स्टेना इम्पेरो यह ऑयल टैंकर कब्जे में लिया था|

ब्रिटेन के ऑयल टैंकर ने ईरान की सागरी सीमा में प्रवेश करने की वजह से यह कार्रवाई करने का आरोप ईरान ने किया था| तथा ब्रिटेन के मरिन्स पथक ने जिब्राल्टर की खाड़ी क्षेत्र से ही ईरान का ईंधन टैंकर पर कार्रवाई करने की वजह से प्रत्युत्तर देने के लिए ब्रिटेन के यह कदम उठाने की बात ईरान ने कही है| तथा अपना टैंकर रिहा नहीं किया तो आगे चलकर पर्शियन खाड़ी से यात्रा करनेवाले टैंकरों पर कार्रवाई करने की धमकी आयआरजीसी ने दी थी| इसके लिए ईरान ने ब्रिटेन को आदान-प्रदान का प्रस्ताव दिया था| पर ब्रिटेन ने ईरान का यह प्रस्ताव ठुकराकर जिब्राल्टर की खाड़ी क्षेत्र में ईरान के टैंकर पर की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होने की बात स्पष्ट की है| तथा ईरान के साथ आदान-प्रदान संभव न होने की बात ब्रिटेन ने जोर देकर कही थी| साथ ही ब्रिटेन ने खाड़ी के लिए अतिरिक्त युद्धनौका एवं सैनिक रवाना किए थे|

दौरान पार्शियन खाड़ी क्षेत्र में ईरान की बढ़ती आक्रामकता के विरोध में मित्रदेशों का मोर्चा खोलने का प्रस्ताव अमरिका ने रखा है और इसे अच्छा रिस्पान्स मिलने की बात विदेश मंत्री पोम्पिओ ने कही है| इसी बीच ऑस्ट्रेलिया भी पर्शियन खाड़ी में विध्वंसक रवाना करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है, यह बात पोम्पिओ ने कही है|

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