फौकलैंड बेटों पर ब्रिटेन की सार्वभौमता का चीन सम्मान करे – ब्रिटेन के परराष्ट्रमंत्री ने चीन को फटकारा

China-Argentinaलंडन – फौकलैंड बेटों की सार्वभौमता पर किसी भी तरह की आपत्ति ब्रिटेन को पूरी तरह से नामंज़ूर है। फौकलैंड बेट ब्रिटेन के परिवार का हिस्सा हैं और ब्रिटेन इन बेटों के अधिकार की रक्षा करेगा। इसलिए चीन को भी फौकलैंड बेटों की सार्वभौमता का सम्मान करना पडेगा’, इन शब्दों में ब्रिटेन के परराष्ट्रमंत्री लिज़ ट्रुस ने चीन को फटकारा। कुछ घंटे पहले फौकलैंड बेटों पर अर्जेटिना के अधिकारों को अपना समर्थन होने की घोषणा चीन ने की थी। इस पर ब्रिटेन से यह प्रतिक्रिया आई है। चीन में विंटर ओलिंपिक्स जारी हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कैनडा, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत ने इस स्पर्धा पर बहिष्कार किया है। तो पाकिस्तान एवं लैटिन अमेरिकी राष्ट्रों के नेताओं इस स्पर्धा में उपस्थित हुए हैं। इस निमित्त पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने रविवार को उपस्थित राष्ट्रों के राष्ट्रप्रमुखों से भेंट करके उनकी मांगें मान ली हैं। 

अर्जेंटिना के राष्ट्राध्यक्ष अल्बर्टो ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ’बेल्ट ऐण्ड रोड-बीआरआय’ के बारे में करार किया। तो चीन के ’वन चायना पॉलिसी’ के लिए अर्जेंटिना बंधा हुआ है कहकर तैवान पर चीन के अधिकार से अपना समर्थन होने की बात राष्ट्राध्यक्ष फर्नांडिस ने मानी है। इसके एवज़ में चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने भी फौकलैंड बेटों पर अर्जेंटिना के सार्वभौम अधिकार को चीन का समर्थन होने की बात घोषित की।

Liz-Truss-UKइस पर ब्रिटेन के परराष्ट्रमंत्री लिज़ ट्रुस ने टीका की। ’फौकलैंड बेटों पर हमारी सार्वभौमता पर प्रश्न उपस्थित करनेवाला कोई भी दावा ब्रिटेन को बिलकुल मंज़ूर नहीं है। फौकलैंड के बेट ब्रिटेन के परिवार का हिस्सा हैं और उनकी सार्वभौमता की रक्षा के लिए ब्रिटेन तैयार है। चीन भी फौकलैंड बेटों पर ब्रिटेन के सार्वभौम अधिकारों का सम्मान करे’, इन शब्दों में परराष्ट्रमंत्री ट्रुस ने चीन को सुनाया।

इस पर चीन के सरकारी मुखपत्र ने  ब्रिटिश परराष्ट्रमंत्री पर टीका की। ’क्या ब्रिटेन द्वारा ’साऊथ चायना सी’ क्षेत्र में विनाशिका भेजकर चीन की सार्वभौमता को आव्हान देना उचित है?’ ऐसा सवाल ’चीयना डेली’ के पत्रकार ने पूछा है। इसके अलावा चीन ने केवल अर्जेंटिना के अधिकारों को समर्थन दिया है, अपनी विनाशिका नहीं भेजी है, ऐसा इशारा इस चीनी मुखपत्र के पत्रकार ने दिया।

तो, पिछले कुछ वर्षों में ब्रिटेन ने साऊथ चायना सी, हॉंगकॉंग, उइघरवंशियों पर अत्याचार, तैवान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सागरी स्वतंत्रता के मुद्दे पर सरेआम चीन के खिलाफ भूमिका अपनाई है। इसके जवाब में चीन अर्जेंटिना का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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