ईरान में जारी प्रदर्शनों की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

– फुटबॉल वर्ल्ड कप में ईरानी संघ ने राष्ट्र गीत गाने से किया इन्कार

– कुर्दों पर ईरान की सैन्य कार्रवाई का इराक ने किया तीव्र निषेध

दुबई/दोहा/बगदाद – ईरान में लगातार ६७ वें दिन हिजाब सख्ति विरोधि प्रदर्शन जारी हैं और इन प्रदर्शनों को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त हो रहा है। कतार में फुटबॉल वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में शामिल ईरानी संघ ने अपने देश का राष्ट्रगीत के दौरान मूक रहकर प्रदर्शनों का समर्थन किया। इसका संज्ञान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिया गया है और ४२६ लोगों की मौत का कारण बनी ईरानी हुकूमत पर कार्रवाई करने की आवश्यकता की मांग मानव अधिकार संगठन एवं संस्था ने की। लेकिन, इन आरोपों को अनदेखा करके ईरान ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई अधिक तीव्र की है। ईरान की तरह इराक में स्थित कुर्दों के ठिकानों पर भी रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने हमले करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं।

ईरान में पिछले नौं हफ्तों से जारी प्रदर्शनों को अमरीका, यूरोपिय देशों में आश्रित ईरानी नागरिकों का समर्थन प्राप्त हो रहा था। ईरान ने वहां पर बसे नागरिकों को विद्रोही करार देकर उनके पीछे पश्चिमी देश ईरान विरोधि बड़ी साज़िश में जुटे होने का आरोप लगाया था। लेकिन, पिछले पंद्रह दिनों में ईरान के क्रिड़ा क्षेत्र के खिलाड़ियों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने देश में जारी प्रदर्शनों का समर्थन करते रहने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कतार में जारी फुटबॉल वर्ल्डकप जैसी सबसे बड़ी प्रतियोगिता के दौरान ईरान के संघ के मूक प्रदर्शन ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया।

इस मुकाबले के समय स्टेडियम में मौजूद ईरान के समर्थकों ने भी अपनी टीम की तरह राष्ट्रगीत के दौरान मूक रहकर ईरानी हुकूमत के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त किया। कुछ दिन पहले ईरानी बास्केटबॉल, स्वीमिंग के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान यही रवैया अपनाया था। लेकिन, फिफा फुटबॉल वर्ल्डकप जैसी सबसे बड़ी प्रतियोगिता में ईरानी खिलाड़ियों के प्रदर्शन चर्चा का मुद्दा बन रहा है। साथ ही ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की प्रदर्शनकारियों पर हो रही कार्रवाई की चौंकाने वाली खबरें भी सामने आ रही हैं।

दो दिन पहले रिवोल्यूशनरी गार्डस्‌‍ ने ईरान में कुर्दों की बस्ती के ‘जवानरुद’ शहर में प्रदर्शनकारियों पर मशीन गन से अंधाधुंध गोलीबारी की। इससे पांच से सात प्रदर्शनकारियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। रिवोल्यूशनरी गार्डस्‌‍ ने प्रदर्शनकारियों के सिर पर और सीने पर गोलियां मारीं, ऐसा आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं। इस गोलीबारी में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं और उन पर घरों में ही इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में दाखिल किए जाने पर रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ उन्हें उठाकर ले जाएँगे और उन्हें मार डालेंगे, ऐसा ड़र स्थानीय व्यक्त कर रहे हैं।

पिछले चौबीस घंटों में रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने इराक में कुर्दों के ठिकानों पर भी हमले किए हैं। कुछ साल पहले ईरान से भागे कुर्द नेताओं ने इराक के उत्तरी ओर के क्षेत्र में पनाह ली थी। वहीं पर इन ईरानी कुर्द नेताओं ने ‘कोमला पार्टी ऑफ ईरानियन कुर्दिस्तान’ नामक पार्टी गठित करके इसका मुख्यालय भी शुरू किया था। इसी मुख्यालय पर रिवोल्यूशनरी गार्डस्‌‍ ने हमले किए। इसमें जान का नुकसान होने की जानकारी अभी सामने नहीं आयी है। लेकिन, इराक सरकार ने ईरान के इन हमलों पर तीव्र क्रोध व्यक्त किया है।

तो, दो महीने पहले ईरान के कुर्द क्षेत्र में शुरू हुए यह प्रदर्शन अब ईरान के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। ईरान ने प्रदर्शनकारियों को दंगाइ करार देकर उन्हें अमरीका, इस्रायल और सौदी अरब से समर्थन प्राप्त होने का आरोप लगाया है। साथ ही इन प्रदर्शनों की वजह से ईरान की व्यवस्था को कुछ खतरा ना होने का दावा भी ईरान सरकार ने किया है। लेकिन, लगातार नौं हफ्तों से जारी इन प्रदर्शनों को रोकने में ईरान सरकार नाकाम रही है, इस बात पर अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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