सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के लिए भारत की पहल का अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने लिया संज्ञान

नई दिल्ली – सेमीकंडक्टर का देश में उत्पादन करने के लिए भारत ने शुरू की हुई गतिविधियों का अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्थाओं ने संज्ञान लिया है। अगले दो से तीन वर्षों में भारत में सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन शुरू हो सकता है, यह विश्‍वास इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्‍विनी वैष्णव ने व्यक्त किया था। इसका दाखिला अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्थाएं दे रही हैं। इसी दौरान चीन जैसे देश को भी सेमीकंडक्टर्स का पूरा उत्पादन करने की सफलता अब तक हासिल नहीं हुई है, इस ओर कुछ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में क्या भारत इस कोशिश में सफल होगा? यह सवाल इन विशेषज्ञों ने किया है।

सेमीकंडक्टर्सअगले दो से तीन वर्षों में देश में सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन करनेवाले दस से बारह कारखाने शुरू करने की दिशा में भारत ने जोरदार कोशिश की है। इसलिए भारत की कोशिशों को काफी बड़ी सफलता मिल रही है और इस क्षेत्र की बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भारतीय कंपनियों से चर्चा कर रही हैं। तो, इस क्षेत्र की कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सीधे अपने कारखाने भारत में ही स्थापित करने के लिए उत्सुक होने की जानकारी वैष्णव ने प्रदान की थी। आनेवाले दिनों में इसका असर दिखाई देने लगेगा और भारत में ‘सेमीकंडक्टर हब’ अर्थात सेमीकंडक्टर का वैश्विक केंद्र विकसित होगा, यह विश्‍वास वैष्णव ने व्यक्त किया था।

इसका संज्ञान पूरे विश्‍व में लिया जा रहा है, परंतु भी कुछ विशेषज्ञों ने भारत की इन कोशिशों को सफलता हासिल होगी क्या, यह सवाल किया है। चीन में बड़ी मांत्रा में सेमीकंडक्टर्स का निर्माण किया जा रहा था।

लेकिन, इसके कई हिस्से अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान इसे निर्यात किए जा रहे थे। चीन ने स्वतंत्र तौर पर सेमीकंडक्टर्स का निर्माण करने के लिए अरबों डॉलर्स का निवेश किया। लेकिन, चीन को इस मोर्चे पर अब तक उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली है।

ऐसी स्थिति में सेमीकंडक्टर के लिए आवश्‍यक पूर्जों का अब तक निर्माण ना किए हुए भारत को इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त होना काफी कठिन होने का स्पष्ट विचार कुछ विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं।

इसके बावजूद भारत द्वारा इस क्षेत्र के सभी पूर्जों का निर्माण भारत में ही करने की भरसक कोशिश कर रहा है, यह बात सामने आ रही है। विशेष बात तो यह है कि, विश्‍वभर में सेमीकंडक्टर्स के निर्माण क्षेत्र में कार्यरत कुशल मनुष्यबल में से तकरीबन २० प्रतिशत भारतीय हैं, यह जानकारी वैष्णव ने प्रदान की थी। इन सभी की कुशलता और अनुभव का इस्तमाल करने के लिए केंद्र सरकार ने गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसका असर जल्द ही दिखाई देने लगेगा, यह विश्‍वास वैष्णव ने व्यक्त किया था।

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