चीन ने ‘कैंची’ चलाकर जारी किया गलवान संघर्ष का वीडियो

बीजिंग – लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के सेनाअफसरों के चर्चा का १२वां दौर हाल ही में हुआ। इसके बाद संयुक्त निवेदन भी जारी किया गया। इसी के साथ चीन के सोशल मीडिया और समाचार चैनल पर गलवान घाटी में हुए संघर्ष का वीडियो जारी किया गया। इसमें चीन के सैनिक भारतीय सैनिकों पर पथराव करते हुए और नदी में बहते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो के ज़रिये भारतीय सेना ने ही हमला करने की बात दिखाने की कोशिश की गई है। चीन के सेना दिवस के अवसर पर जारी किए गए इस वीडियो के पीछे चीनी जनता के मन में भारत विरोधी भावना भड़काने के साथ युद्धज्वर फैलाने की मंशा होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

गलवान संघर्षभारत ने गलवान के संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू समेत अपने २० सैनिक शहीद होने का ऐलान किया था। लेकिन, चीन ने इस संघर्ष की जानकारी छुपाई थी। इस संघर्ष में हमारे सिर्फ चार सैनिकों की मौत होने का बयान चीन ने किया था। इन मृतकों की संख्या में चीन ने कुछ दिन पहले ही एक का इज़ाफा किया। लेकिन, वास्तव में इस संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की संख्या से कहीं अधिक होने के भरोसेमंद दावे सामने आए हैं। लेकिन, चीन इसका स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं। उल्टा इस संघर्ष में अपनी जीत होने का चित्र चीन को खड़ा करना था। साथ ही भारतीय सेना ने ही चीनी सैनिकों पर हमला किया, चीन यही दिखाने की मंशा रखता है।

चीन के ‘सीजीटीएन’ नामक चैनल ने जारी किए वीडियो में यह दोनों बाते दिखाई देने का ध्यान रखा गया है। इस वीडियो को काफी एडिट किए जाने की बात दिख रही है। इसके साथ ही इस संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिक चेन की जानकारी भी ‘सीजीटीएन’ ने साझा की है। चेन ने अपने जिस सहयोगी को बचाने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाई उस सहयोगी का मनोगत भी इस चैनल ने जारी किया है। लेकिन, गलवान संघर्ष के इस समाचार चैनल ने साझा की हुई यह पूरी जानकारी एकतरफा है और सिर्फ चीनी जनता के मन में युद्धज्वर फैलाने के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा, यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कुछ दिन पहले ही अफ़गानिस्तान की स्थिति का दाखिला देकर चीन को युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश दिया है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने इससे पहले भी अपनी सेना एवं जनता से संघर्ष के लिए तैयार रहने का निवेदन किया था। एक ही समय पर लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद निर्माण करके चीन पड़ोसी देशों को चुनौती दे रहा है। इसे चीन में बनी स्थिति ज़िम्मेदार होने का अनुमान विश्‍लेषकों ने दर्ज़ किया है।

गलवान संघर्षराष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी पर स्थापित एकाधिकार के खिलाफ असंतोष पनप रहा है। जिनपिंग के प्रतिद्वंद्वि उन्हें सत्ता से हटाने के अवसर की प्रतिक्षा कर रहे हैं। कोरोना की महामारी, इससे बढ़ी हुई बेरोज़गारी और अन्न की किल्लत एवं महंगाई की समस्या ने चीनी जनता को बेहाल कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक चीन से अपना निवेश हटा रहे हैं। इससे प्राप्त हो रही चुनौतियों से चीन की अर्थव्यवस्था भी बेहाल हुई है।

पड़ोसी देशों को उकसानेवाली हरकत करके राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग चीन की जनता का समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए युद्ध, संघर्ष का इस्तेमाल करना अब राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के लिए राजनीतिक मज़बूरी बनी हुई हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। गलवान के संघर्ष की कैंची लगाकर वीडियो जारी करके चीन की यंत्रणा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की इस नीति की सहायता कर रही है। लेकिन, मौजूदा स्थिति में इसका चीन की जनता पर ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है। क्योंकि, गलवान संघर्ष में अपने पुख्ता कितने सैनिक मारे गए, यह जानकारी सार्वजनिक करने के लिए चीनी प्रशासन तैयार नहीं है।

साथ ही इसकी सच्चाई सामने लाने की कोशिश करनेवाले ब्लॉगर्स पर कार्रवाई करके चीन सच्चाई छुपाने की भी कोशिश कर रहा है, ऐसी खबरें भी समय समय पर सामने आ रही हैं। चीन की हुकूमत के नियंत्रण में इस देश की सोशल मीडिया पर भी इसकी गूँज सुनाई देने लगी है।

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