गोवा मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ के सागरी परीक्षणों की शुरुआत

पणजी – ‘प्रोजेक्ट15बी’ के तहत निर्माण किए जा रहे चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ के सागरी परीक्षणों की रविवार से ही शुरुआत हुई। दक्षिणी गोवा के मशहूर बंदरगाह के नाम से विशाखापट्टनम श्रेणी के दूसरे विध्वंसक का नाम ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ ऐसा रखा गया है। रविवार को गोवा मुक्ति दिवस अर्थात गोवा को पोर्तुगीज हुकूमत से मिली मुक्ति का ६०वाँ वर्धापन दिन था। इस उपलक्ष्य में ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ के पहले चरण के सागरी परीक्षणों की शुरुआत की गई।

‘आयएनएस मोरमुगाओ’‘प्रोजेक्ट15बी’ के तहत निर्माण किया गया पहला विध्वंसक ‘आयएनएस विशाखापट्टणम’ पिछले महीने में २१ नवंबर को अपने परीक्षण खत्म करके भारतीय नौसेना के बेड़े में दाखिल हुआ था। वहीं, विशाखापट्टणम श्रेणी का दूसरा विध्वंसक ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ के सागरी परीक्षण शुरू किए गए हैं। सन २०२२ के अंत तक यह विध्वंसक भारतीय नौसेना में सहभागी होने की संभावना जताई जाती है। भारतीय नौसेना ने गोवा मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। विध्वंसक को गोवा से संबंधित प्रमुख बंदरगाह का नाम देकर, गोवा राज्य को समर्पित किया गया है। इस कारण, जब गोवा मुक्ति संग्राम का ६०वाँ वर्धापन दिन गोवा राज्य में मनाया जा रहा है, ऐसे में ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ विध्वंसक के शुरू हुए सागरी परीक्षणों ने फिर एक बार, भारतीय नौसेना ने पोर्तुगिजविरोधी लड़ाई में दर्शाए प्रदर्शन की याद करा दी है।

विशाखापट्टणम श्रेणी के विध्वंसक इस कोलकाता श्रेणी के विध्वंसकों की अद्यतन आवृत्ति है। विशाखापट्टणम श्रेणी के ये विध्वंसक, भारतीय नौसेना के बेड़े में सबसे आधुनिक और शक्तिशाली विध्वंसक हैं। पनडुब्बी विरोधी युद्धतंत्र में इस श्रेणी के विध्वंसक बहुत ही प्रभावी साबित हो सकते हैं। टॉर्पेडो समेत इन विध्वंसकों पर अ‍ॅन्टी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स तैनात किए जा सकते हैं। इस कारण, चीन से होने वाला खतरा और चिनी नौसेना में होनेवाला पनडुब्बियों का बेड़ा देखते हुए, विशाखापट्टणम श्रेणी के इन विध्वंसकों का महत्त्व बढ़ता है।

उसी के साथ इन विधायकों पर मीडियम और शार्ट रेंज तोपें तैनात कीं जानेवालीं है। साथ ही, इस विध्वंसक पर जहाज़विरोधी और जहाज़ से ज़मीन पर हमला करने में सक्षम होनेवाले १६ ब्राह्मोस क्षेपणास्त्रों की तैनाती हो सकती है। उसी प्रकार, हवा में होनेवाला लक्ष्य सटीकता से भेदनेवाले आठ बराक क्षेपणास्त्र भी तैनात किए जा सकते हैं।

‘मेक इन इंडिया’ के तहत इस श्रेणी के चारों विध्वंसकों का निर्माण माझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है। इस श्रेणी का पहला विध्वंसक ‘आयएनएस विशाखापट्टणम’ नौसेना में पहले ही दाखिल हो चुका है। वहीं, ‘आयएनएस मोरमुगाओ’ के बाद ‘आयएनएस इंफाल’ इस तीसरे विध्वंसक के सागरी परीक्षण अगले साल शुरू होने की संभावना है। सन २०१७ में ‘आयएनएस इंफाल’ का जलावतरण हुआ था। वहीं, प्रोजेक्ट15बी के अंतर्गत बनाए जानेवाली चौथी पनडुब्बी ‘आयएनएस सुरत’ का फिलहाल निर्माण जारी है।

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