पड़ोसी देशों की सुरक्षा की ओर भी भारत गंभीरता से देखता है – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत

नई दिल्ली – चीन की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर निर्माण हुए तनाव की ओर सारे विश्‍व की नज़रें लगी हैं और तभी भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने काफी सूचक बयान किया है। भारत की सुरक्षा मात्र अंतरराष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा या प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा तक सीमित नहीं है। तेज़ी से हो रही गतिविधियों पर ध्यान दें तो अपने पड़ोसी देशों में स्थित रणनीतिक नज़रिए से अहम ठिकानों की सुरक्षा भी भारत को करनी पड़ेगी’, ऐसा बयान जनरल बिपीन रावत ने किया है। इस बयान से भारतीय रक्षाबलप्रमुख ने भारत के पड़ोसी देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाकर हावी होने की कोशिश कर रहे चीन की आक्रामक नीति को लक्ष्य किया हुआ दिख रहा है।

rawat-bipinप्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन की हरकतें जारी हैं और चीन के लड़ाकू विमानों की गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही हिंद महासागर के क्षेत्र में भी चीन ने अपने विध्वंसकों की गश्‍त बढ़ाई है। चीन की ऐसी हरएक गतिविधि पर भारत के रक्षाबलों की कड़ी नज़र है और भारत भी अपनी सामरिक कक्षा विस्तारेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत भारतीय रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने दिए हैं। इससे संबंधित ‘चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी’, ‘कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्युरिटी’ के साथ चर्चा जारी होने की बात रक्षाबलप्रमुख ने इस दौरान साझा की। इसी बीच जनरल रावत ने चीन की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के साथ पाकिस्तान से जुड़ी नियंत्रण रेखा का भी ज़िक्र किया। साथ ही पड़ोसी देशों में मौजूद सामरिक ठिकानों का ज़िक्र करके रक्षाबलप्रमुख ने इंडोनेशिया, सिंगापुर और खाड़ी क्षेत्र के मित्रदेशों की सुरक्षा की ओर भारत बड़ी गंभीरता से देख रहा है, ऐसा संदेश भी दिया है।

‘साउथ चायना सी’ में चीन की गतिविधियों के खिलाफ़ इंडोनेशिया और सिंगापुर जैसे अपने दो मित्रदेशों ने लष्करी सहयोग करने से संबंधित रखी माँग पर भारत बड़ी गंभीरता से विचार कर रहा है। कुछ दिन पहले भारत ने ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में अपने युद्धपोत रवाना करके चीन को झटका दिया था। सीमा विवाद पर जारी चर्चा के दौरान चीन ने भारतीय नौसेना की इस तैनाती का ज़िक्र करने के समाचार भी थे। अब तक चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना की मौजूदगी बढ़ाकर भारत पर दबाव बढ़ा रहा था। लेकिन, भारतीय नौसेना की तैनाती चीन को असुरक्षित करनेवाली साबित होती दिख रही है।

साउथ चायना सी क्षेत्र में अमरीकी युद्धपोत तैनात होते हुए भारतीय नौसेना की इस क्षेत्र में देखी गई मौजूदगी चीन पर दबाव बढ़ा रही हैो। साथ ही यह तैनाती इस क्षेत्र के अन्य देशों को राहत दे रही है। इस तैनाती के ज़रिए संघर्ष होने पर भारत क्या कर सकता है, इस बात का एहसास चीन को कराया है। रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने भी पड़ोसी देश और भौगोलिक नज़रिए से नज़दिकी देशों की सुरक्षा के प्रति भारत गंभीर है, यह संदेश दिया है। इसी बीच अमरीका और रशिया के साथ भारत सामरिक सहयोग का संतुलन बरकरार रखेगा, यह भरोसा भी रक्षाबलप्रमुख ने दिया है।

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