नौसेना को दिया गया पहला ‘पी १५ बी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर’

नई दिल्ली – ‘प्रोजेक्ट १५ बी’ (पी१५बी) के तहत माज़गांव डॉकयार्ड में निर्मित ‘स्टेल्थ मिसाइल गाइडेड’ विध्वंसकों में से पहला ‘आयएनएस विशाखापट्टनम्‌’ विध्वंसक सभी परीक्षण पूरे होने के बाद नौसेना को दिया गया। यह विध्वंसक जल्द ही नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। नौसेना ने यह जानकारी प्रदान की।

बी स्टेल्थ‘आयएनएस विशाखापट्टनम्‌’ ‘प्रोजेक्ट १५ बी’ के तहत निर्माण हो रहे चार में से पहला विध्वंसक है। इन विध्वंसकों के वर्ग को ‘विशाखापट्टनम्‌ क्लास डिस्ट्रॉयर’ या ‘पी १५ ब्रैवो क्लास डिस्ट्रॉयर’ नाम दिया गया है। इस वर्ग को ‘पी १५ बी’ नाम से भी जाना जाता है। वर्ष २०११ में ३५ हज़ार करोड़ रुपयों के इस प्रकल्प को मंजूरी प्राप्त हुई थी और इसके तहत निर्माण होनेवाले चार में से पहले विध्वंसक का निर्माण वर्ष २०१३ में शुरू किया गया था। इसके बाद वर्ष २०१५ में इनमें से पहले ‘आयएनएस विशाखापट्टनम्‌’ का जलावतरण हुआ। निर्धारित समय के अनुसार यह विध्वंसक बीते वर्ष ही नौसेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद थी। लेकिन, परीक्षण के दौरान इस विध्वंसक पर आग लगने से इसकी समय सारिणी में देर होने की बात कही जा रही है।

अब यह विध्वंसक सभी परीक्षणों के बाद नौसेना को दिया गया है। इससे नौसेना के बेड़े में इसका समावेश करने की अब औपचारिकता ही बची है और यह समारोह जल्द ही होगा, ऐसा कहा जा रहा है। २८ अक्तुबर के दिन माज़गांव डॉक में नौसेना के अफसरों को यह विध्वंसक सौंपा गया।

यह स्टेल्थ विध्वंसक भारतीय नौसेना के बेड़े के सबसे प्रगत विध्वंसकों में से एक होगा। इससे भारतीय नौसेना की क्षमता में इज़ाफा होगा। ‘आयएनएस विशाखापट्टनम्‌’ ज़मीन से ज़मीन, ज़मीन से हवा और पनडुब्बी विरोधी मिसाइलों से लैस है। इस पर ३२ ‘बराक – ८ इआर सैम’ (एलआर-सैम) और ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती होगी। साथ ही पनडुब्बीविरोधी युद्धतंत्र से लैस इस विध्वंसक पर हेलिकॉप्टर्स भी तैनात होंगे। इसके अलावा रॉकेट लौन्चर, ७६ एमएम गन और प्रगत राड़ार यंत्रणा की भी इस पर तैनाती होगी। इस विध्वंसक की ७५ प्रतिशत प्रणाली स्वदेशी है। इस विध्वंसक की लंबाई १६३ मीटर और भार ७,४०० टन है। यह विध्वंसक प्रति घंटा ३० समुद्री मील गति से यात्रा कर सकती है।

इसी बीच, ‘पी १५ बी’ वर्ग का दूसरा विध्वंसक ‘आयएनएस मारमुगाओ’ का जलावतरण वर्ष २०१६ में किया गया था। सभी यंत्रणाओं की तैनाती के बाद इस विध्वंसक के भी परीक्षण शुरू किए गए हैं। अगले वर्ष यह विध्वंसक भी नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है। इस वर्ग के तीसरे ‘आयएनएस इंफाल’ विध्वंसक का जलावतरण अप्रैल २०२९ में हुआ है। और चौथे विध्वंसक ‘आयएनएस पोरबंदर’ का निर्माणकार्य फिलहाल माज़गांव डॉकयार्ड में जारी है।

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